उच्च सदन के सदस्य निधि खर्च में फिसड्डी

देहरादून, 21 मार्च (हि.स.)। उच्च सदन के जन प्रतिनिधि भी अपनी सांसद निधि खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड के राज्यसभा सांसदों की 92 प्रतिशत सांसद निधि दिसम्बर 2023 तक खर्च नहीं हो सकी। उसमें से 65 प्रतिशत से अधिक की सदस्य निधि भारत सरकार से जारी ही नहीं करा सके हैं। राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी सांसद निधि खर्च करने में सदस्यों में सबसे आगे और डॉ. कल्पना सैनी सबसे पीछे रही हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता नदीमुद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी जिसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/उपायुक्त (प्रशासन) हेमंती गुंजियाल ने अपने पत्रांक 2623 के साथ सांसद निधि खर्च के दिसम्बर 2023 के विवरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें दिसम्बर 2023 के अंत तक की उत्तराखंड के राज्य सभा सांसदों की सांसद निधि खर्च का विवरण दिया गया है। उपलब्ध विवरणों के अनुसार उत्तराखंड के 3 राज्यसभा सांसद कुल 41.50 करोड़ की सांसद निधि प्राप्त करने के पात्र है, लेकिन उन्हें पिछली सांसद निधि किस्त के खर्च सम्बन्धी प्रमाण, ऑडिट रिपोर्ट आदि प्राप्त न होने के कारण 27 करोड़ जो कुल सांसद निधि का 65 प्रतिशत है जारी ही नहीं हुई है जबकि भारत सरकार से प्राप्त 14.50 करोड़ की सांसद निधि में 44.69 लाख ब्याज जोड़कर कुल 41 करोड़ 94 लाख 69 हजार की सांसद निधि में से दिसम्बर 2023 तक केवल 3 करोड़ 7 लाख 40 हजार की सांसद निधि ही खर्च हो सकी। कुल 92 प्रतिशत से अधिक 38 करोड़ 87 लाख 29 हजार की सांसद निधि खर्च होने को शेष है।

31 दिसम्बर 2023 तक राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की 22 करोड़ में से 5 करोड़, नरेश बंसल 12 करोड़ में से 2 करोड़, डा. कल्पना सैनी सभी 7.5 करोड़ की सांसद निधि भारत सरकार से जारी हो चुकी है। उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने भारत सरकार से जारी 500 लाख की सांसद निधि व उस पर 40.13 लाख ब्याज सहित कुल उपलब्ध 540.13 लाख से 142.98 लाख रुपये अधिक 683.10 लाख के प्रस्ताव तो स्वीकृत करा दिये है लेकिन इनके प्रस्तावों में से 467.36 लाख की धनराशि अवमुक्त नहीं हो सकी हैै। इनकी 11.75 लाख की धनराशि कार्यदायी संस्थाओं पर भी शेष है। सांसद निधि खर्च होने को शेष कुल धनराशि 2036.13 लाख (कुल की 90.89 प्रतिशत) है।

नरेश बंसल ने भारत सरकार से जारी 2 करोड़ की सांसद निधि में से 173.47 लाख के प्रस्ताव ही स्वीकृत कराए हैं। 26.53 लाख स्वीकृति के लिए शेष है जबकि 14.25 लाख अवमुक्त होने को शेष है। 83.31 लाख कार्यदायी विभागों पर अवशेष है। कुल 1124.09 लाख (93.67 प्रतिशत) खर्च होने को शेष है।

डॉ. कल्पना सैनी को जारी 750 लाख और उस पर ब्याज 4.56 लाख सहित कुल उपलब्ध 754.56 लाख उपलब्ध सांसद निधि में से 310.04 लाख के प्रस्ताव ही स्वीकृत कराये हैं और 444.52 लाख प्रस्ताव स्वीकृति के लिए अवशेष है। जबकि 87.76 लाख अवमुक्त हेतु शेष है और 194.78 लाख कार्यदायी विभागों पर अवशेष है। कुल 727.06 लाख (96.36 प्रतिशत) खर्च के लिए शेष है।

राज्यसभा सांसदों के स्वीकृत कार्यों के विवरण के अनुसार अनिल बलूनी ने 31 दिसम्बर 23 तक 12 कार्य स्वीकृत किये है। इसमें 10 पूर्ण हो चुके हैं। एक प्रगति पर और एक प्रारंभ भी नहीं हुआ है। जबकि नरेश बंसल ने 26 कार्य स्वीकृत किये हैं, जिसमें से 6 पूर्ण हुए हैं। 4 प्रगति पर है और 16 प्रारंभ भी नहीं हुए हैं। डॉ. कल्पना सैनी ने 32 कार्य स्वीकृत किये है, जिसमें से कोई पूर्ण नहीं हुआ है। जबकि 3 कार्य प्रगति पर है और 29 कार्य आरंभ भी नहीं हुए हैं।

एससी और एसटी कार्यों पर खर्च के विवरण के अनुसार अनिल बलूनी और डॉ. कल्पना सैनी ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कार्यों पर कोई सांसद निधि खर्च नहीं की हैं। जबकि नरेश बंसल ने अनुसूचित जाति के कार्यों पर 6 लाख और अनुसूचित जनजाति के कार्यों पर 3 लाख की धनराशि खर्च विवरण में दर्शायी गयी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

   

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