इलाज में लापरवाही बरतने पर एक नर्सिंग होम पर लगा 15 लाख का जुर्माना

हल्द्वानी, 07 अप्रैल (हि.स.)। तिकोनिया जीबी पंत मार्ग स्थित एक नर्सिंग होम और उसके मैनेजर को बच्ची का सही इलाज न करना महंगा पड़ गया है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 15 लाख रुपये का अर्थदंड देने का आदेश दिया है। इस अर्थदंड को एक मुश्त में अदा करने का आदेश दिये हैं।

मामले में बच्ची की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुमित बजाज और शौरभ कुमार पांडे के मुताबिक दमुवाढूंगा खाम जवाहर ज्योति में रहने वाले सुरेंद्र कुमार प्राइवेट नौकरी करते हैं। 18 अक्टूबर 2017 को उनकी एक साल 8 माह की बेटी हर्षिका को बुखार आया। वह बच्ची को तिकोनिया जीबी पंत मार्ग स्थित एक नर्सिंग होम ले गए। यहां बच्ची का उपचार गलत होने से उसकी हालत बिगड़ गई। शहर के दो और निजी अस्पताल में दिखाने के बाद गुड़गांव और फिर बच्ची को एम्स में भर्ती कराया गया।

वहां चिकित्सकों ने बताया कि इंफेक्शन की वजह से बच्ची को गैंगरीन हो गया है, जिसके चलते हथेली से उसके हाथ काटने पड़े। इस मामले में कोरम के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा और सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने नर्सिंग होम एंड हास्पिटल के मैनेजर पर 15 लाख का जुर्माना लगाया। रकम एकमुश्त पीड़िता को देने के आदेश हैं। इसमें से 5 लाख रुपये हर्षिका के खाते में जमा करने और 10 लाख रुपये माता-पिता के संयुक्त खाते में जमा करने को कहा। 10 लाख रुपये से पीड़िता की शिक्षा, पालन और इलाज होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/अनुपम गुप्ता/सत्यवान/रामानुज

   

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