आज गोर्खाओं को असम में कोई विदेशी नहीं कहता: डॉ. सरमा

डिब्रूगढ़ (असम), 11 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि आज वह समय आया है जब असम में गोर्खाओं को कोई विदेशी कहकर नहीं पुकारता है। उन्होंने कहा कि गोर्खाओं को भी असम में समान रूप से मर्यादा दी गई है। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आयी है, यहां गोर्खा, बंगाली, हिंदी भाषी आदि सभी के साथ समान व्यवहार होने लगा। उन्होंने कहा कि सभी को सम्मान के साथ जीने की आजादी मिली। सभी को असम की योजनाओं में शामिल किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे वह नौकरी हो या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ- असम में सभी को समान रूप से दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान असम में शांति स्थापित करने का वादा किया था। उग्रवादी संगठनों के साथ समझौते करके उस वादे को अक्षरस: पूरा कर दिया गया। यही वजह है कि आज असम में गोला-बारूद के शब्द नहीं सुनाई दे रहे हैं। लोग रातभर बिहू उत्सव का आनंद ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक समय था जब तिनसुकिया में अंधेरा होने के बाद कोई घर से निकलने की भी हिम्मत नहीं करता था, लेकिन आज दो दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह के साथ उन्होंने नौ बजे रात्रि के बाद भी सड़कों पर रैलियां की। इससे जाहिर होता है कि भाजपा ने शांति स्थापना की दिशा में क्या काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में जो भी वादे किए जाते हैं, उसे बढ़-चढ़कर पूरा करने के प्रति हमारी सरकार हमेशा ही गंभीर रहती है। चुनाव के दौरान हमने माइक्रोफाइनेंस ऋण धारक महिलाओं का ऋण माफ करने का वादा किया था। 16 लाख महिलाओं के ऋण माफ कर दिए गए। इस वर्ष शेष बचे लोगों का ऋण भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ लेने के बाद माफ हो जाएगा।

मुख्यमंत्री आज डिब्रूगढ़ में निवर्तमान केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल के समर्थन में एक विशाल चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार से जुड़ी कई योजनाओं की चर्चा की।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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