भाजपा कश्मीर में लोकसभा चुनाव लड़ ले, अगर जमानत जब्त न हो जाए तो राजनीति छोड़ दूंगा : उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कश्मीर घाटी में लोकसभा चुनाव लडऩे की चुनौती देते हुए कहा कि अगर केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त नहीं हो गई तो वह राजनीति छोड़ देंगे। अब्दुल्ला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर भाजपा को यहां 'विकास और सामान्य स्थिति होने' के उसके दावों पर भरोसा है तो पार्टी को कश्मीर घाटी की तीन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने चाहिए। पार्टी ने संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि बारामूला से अब्दुल्ला पार्टी के उम्मीदवार होंगे, वहीं श्रीनगर से शिया नेता आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी किस्मत आजमाएंगे। जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस पर कोई अच्छा काम नहीं करने के भाजपा के आरोप के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि मुझे प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। लोग यह काम करेंगे। अगर प्रधानमंत्री जो कहते हैं, उसमें इतना असर है तो वे भाजपा के उम्मीदवार खड़े करें और पार्टी के नाम पर वोट मांगें।'' उन्होंने कहा, ''आपने (भाजपा ने) अनुच्छेद 370 पर जो किया, आप विकास या सामान्य स्थिति के बारे में जो दावा करते हैं... फिर भाजपा उम्मीदवारों को मैदान में उतारें और देखें कि उन्हें कितने वोट मिलते हैं। जब आप कहते हैं कि आपने इतना काम किया है और हमने जम्मू कश्मीर में कुछ नहीं किया, तो चुनाव में हमारी जमानत जब्त हो जानी चाहिए।''  इस दौरान अब्दुल्ला के साथ उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।   भाजपा महासचिव और जम्मू कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ और 'अपनी पार्टी' के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी की यहां मुलाकात की खबरों का जिक्र करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''हमें हराने के लिए तरूण चुघ को इन सबको एक मंच पर लाने की क्या जरूरत थी।'' उन्होंने कहा, ''अगर हमने कुछ नहीं किया तो लोग हमें स्वीकार नहीं करेंगे। अगर लोग हमें स्वीकार नहीं करेंगे तो आप अपने भाषणों में लगातार हमारे नाम क्यों ले रहे हैं? इस स्थिति में आप हमारे खिलाफ आपकी एजेंसियों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?'' 

   

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