उत्तराखंड में सेब उत्पादन की अपार संभावनाएं, 'एप्पल मिशन' से जोड़े जाएंगे सेब काश्तकार : मंत्री धन सिंह रावत

कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत रविवार को सेबाग एग्रो प्रा. लि. की ओर से पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा (नौगांव) में कलासन फार्म में ‘उत्तराखंड में सेब की खेती की सम्भावनाओं’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार को संबोधित करते।

-उत्तराखंड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं, ठोस कार्य योजना विकसित करने की जरूरत: आचार्य बालकृष्ण

-जम्मू-कश्मीर और हिमाचल की तर्ज पर विकसित किये जायेंगे बगीचे

देहरादून/पौड़ी, 21 अप्रैल (हि.स.)। उत्तराखंड में उद्यान के क्षेत्र में अपार सम्भावनएं हैं। सहकारिता विभाग के अंतर्गत ‘एप्पल मिशन’ के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये जोड़ा जा रहा है ताकि जम्मू कश्मीर और हिमाचल की तर्ज पर सेब के बगीचे विकसित कर उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत रविवार को सेबाग एग्रो प्रा. लि. की ओर से पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा (नौगांव) में कलासन फार्म में ‘उत्तराखंड में सेब की खेती की सम्भावनाओं’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में यह बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सेब खेती प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें सेब उत्पादन को बढ़ावा देना भी शामिल है।

राज्य की जलवायु सेब उत्पादन के लिये काफी मुफीद है। ऐसे में यहां सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है। राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और काश्तकारों के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ काश्तकार उठा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सेब की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये सहकारिता विभाग की कृषि ऋण योजना के अंतर्गत एक हजार सेब के बगीचे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये प्रदेशभर में सेब के 17 कलस्टर तैयार किये गये हैं। एप्पल मिशन के तहत अधिक से अधिक संख्या में सेब काश्तकारों को जोड़ा जायेगा ताकि जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की भांति प्रदेश में सेब के बगीचे विकसित किये जा सके।

उन्होंने सेब उत्पादन में विशेष पहचान बनाने के लिये सेब की गुणवत्ता व पैकिंग पर ध्यान देने की भी बात कही। इसके लिये किसानों को उन्नत किस्म की प्रजातियों व वायरस फ्री पौधे लगाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

सेमीनार में दूरभाष के माध्यम से जुड़कर पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष व आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उत्तराखंड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में अथाह सम्भावनाएं हैं। इसके लिये ठोस कार्य योजना विकसित की जाना चाहिए और काश्तकारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिये। साथ ही उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाना आवश्यक है।

इस अवसर पर कलासन फार्म के विक्रम रावत ने पहाड़ों में उच्च घनत्व वाले सेब के बाग की सफल स्थापना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सेब की खेती के लिये मिट्टी की तैयारी, रोपण दूरी, सिंचाई प्रणाली, प्रूनिंग थिनिंग और निराई के बारे में सेब काश्तकारों को कई टिप्स भी दिये।

इस अवसर पर वरिष्ठ काश्तकार प्रेमचंद शर्मा, पूर्व खेल मंत्री, उत्तराखंड नारायण सिंह राणा, कालसन फर्म एवं सेबाग एग्रो प्रा. लि. के प्रतिनिधि व स्थानीय काश्तकार उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

/रामानुज

   

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