हिमाचल में नशे के खिलाफ अभिनिवृति अभियान चलाएगी एबीवीपी
- Admin Admin
- Feb 22, 2025
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शिमला, 22 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच नशे की बढ़ती प्रवृत्ति गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। खासकर चिट्टे जैसे घातक नशे ने कई परिवारों के चिराग असमय बुझा दिए हैं। इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदेशभर में अभिनिवृति अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान 20 मार्च तक चलेगा औऱ इसके तहत विभिन्न माध्यमों से जन-जागरूकता फैलाई जाएगी और युवाओं को नशे से बचाने के प्रयास किए जाएंगे।
एबीवीपी की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने शनिवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रदेश में नशे का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इससे युवा बड़ी संख्या में इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल को ‘उड़ता हिमाचल’ बनने से रोकना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इसीलिए एबीवीपी ने प्रदेशव्यापी अभियान छेड़ने का फैसला किया है ताकि छात्रों और युवाओं को इस विनाशकारी लत से बचाया जा सके।
नैंसी अटल ने कहा कि इस अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में सेमिनार, वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा नुक्कड़ नाटकों, रैलियों और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से भी लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया जाएगा।
सरकार से सख्त कानून की मांग
नशे की बढ़ती समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए एबीवीपी ने राज्य सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि नशे के सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई करने और प्रदेश में नशे की आपूर्ति को रोकने के लिए सरकार को कठोर कानून बनाने चाहिए।
नैंसी अटल ने कहा कि प्रदेश में हर साल नशे के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि नशा तस्करों और माफिया के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
एबीवीपी का कहना है कि केवल सरकार की कोशिशें काफी नहीं हैं बल्कि समाज को भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और उनके व्यवहार में आने वाले बदलावों को गंभीरता से लें। साथ ही शिक्षण संस्थानों को भी छात्रों के बीच नशे के दुष्परिणामों पर चर्चा करनी चाहिए और उन्हें इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
एबीवीपी ने प्रदेश के नागरिकों से अपील की कि वे नशे के खिलाफ इस लड़ाई में एकजुट हों और युवाओं को इस घातक जाल में फंसने से बचाने में सहयोग दें।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है। कई जिलों में चिट्टे और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले सामने आए हैं। पुलिस और प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन नशे के कारोबार पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा