(अपडेट)संस्कृत की तरह तमिल भी सबसे पुरानी भाषा,देश में सांस्कृतिक एकता दिखाने का सबसे बड़ा मिसाल: धर्मेन्द्र प्रधान

काशी तमिल संगमम—3 के उद्घाटन समारोह में धर्मेन्द्र प्रधान

- उत्तर से दक्षिण को जोड़ने का अभिनंदनीय कार्य महर्षि अगस्त्य ने किया: योगी आदित्यनाथ

-नमोघाट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान,डॉ. एल. मुरुगन ने काशी तमिल संगमम-3 का किया उद्घाटन

वाराणसी, 15 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि संस्कृत की तरह तमिल भी देश की सबसे पुरानी भाषा हैं, जो सांस्कृतिक एकता दिखाने का सबसे बड़ा मिसाल हैं। काशी-तमिल संगमम् एक सांस्कृतिक उत्सव है। इसका उद्देश्य उत्तर भारत और दक्षिण भारत की विविध पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रथाओं को एक साथ लाना है। केन्द्रीय मंत्री यहां नमोघाट पर आयोजित काशी तमिल संगमम के तीसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन के साथ केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने बटन दबाकर संगमम का उद्घाटन किया।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ हम सभी के जीवन में सौभाग्य लेकर आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी और मुझे संगमम के अतिथियों को कुंभ क्षेत्र में रहने और दर्शन कराने दायित्व सौंपा है। इस बार के महाकुंभ ने समस्त सनातनियों में जागृति पैदा की है।विशेषकर समाज का सामान्य वर्ग और युवा वर्ग ने महाकुंभ दर्शन का संकल्प लिया है, ऐसा प्रतीत होता है।

उन्होंने कहा कि तमिल अतिथियों को इस बार बाबा विश्वनाथ के साथ महाकुंभ मेला तथा अयोध्या स्थित राममंदिर में दर्शन करने का अवसर मिलेगा। अयोध्या राममंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद आयोजित इस तमिल समागम के अतिथि भी भाग्यशाली हैं कि आपको वहां दर्शन का सौभाग्य मिलेगा। इस बार का महाकुंभ न केवल भारतीय बल्कि पूरी दुनिया के सनातनियों में नयी ऊर्जा का संचार किया है। केन्द्रीय मंत्री ने समागम में आम बजट में उल्लेखित नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी तथा 22 भाषाओं के डिजिटल कुम्भ के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार के केंद्रीय बजट में पहली बार प्राविधान किया गया है कि एआई के माध्यम से देश की महान ग्रन्थों को संरक्षित किया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के पंच प्रण को दोहराते हुए 2047 तक विकसित भारत की बात कही। कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा को अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए हमें इसे मूर्त रुप देना है।

समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर और दक्षिण के लोगों के सांस्कृतिक व धार्मिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए आयोजित समारोह को सराहा। उन्होंने कहा कि संगमम हमारे लिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत, के प्रधानमंत्री मोदी के विजन को आगे बढ़ाने के महायज्ञ का भाग है। यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ प्रयागराज में चल रहा है। इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके (पीएम मोदी) नेतृत्व में लगातार तीसरी बार काशी तमिल संगमम का बाबा विश्वनाथ की पावन धरा पर शुभारंभ हो रहा है। नए भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए महर्षि अगस्त्य को केंद्र में रखकर इस बार के काशी तमिल संगमम् का थीम रखा गया है। माता सीता को खोजने में व राम-रावण युद्ध में 'आदित्य स्त्रोत' देने वाले महर्षि अगस्त्य है। उन्होंने कहा कि उत्तर से दक्षिण को जोड़ने का अभिनंदनीय कार्य महर्षि अगस्त्य ने किया। महर्षि अगस्त्य का तमिलनाडु के घर-घर में सम्मान है तो काशी और उत्तराखंड में भी है। देश को पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण को जोड़ने का जो कार्य कभी आदि शंकराचार्य ने किया था, वहीं कार्य आज के परिवेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'काशी तमिल संगमम्' कार्यक्रम के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे है। समारोह में केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ एल. मुरुगन ने अतिथियों का स्वागत कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना साकार हो रही है।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र 'दयालु', जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, महापौर अशोक तिवारी, शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, डॉ. अवधेश सिंह, सौरभ श्रीवास्तव, डॉं सुनील पटेल, सदस्य विधान परिषद हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र राय, अश्विनी त्यागी, केंद्रीय शिक्षा सचिव विनीत जोशी, वाराणसी परिक्षेत्र के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, अपर पुलिस आयुक्त एस. चिनप्पा, कार्यवाहक कुलपति बीएचयू डॉ. संजय कुमार आदि उपस्थिति रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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