सोनीपत:कलाकारों ने हरियाणवी संस्कृति सभ्यता और शिव स्तुति से समां बांधा

सोनीपत, 22 फ़रवरी (हि.स.)। सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के पीठाधीश्वर श्री महंत राजेश

स्वरूप ने कहा कि जीवन को नई दिशा देने के लिए धर्म अध्यात्म चिंतन की जरुरत है। यहां

हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल की ओर से आए कलाकारों ने हरियाणवी संस्कृति सभ्यता और

भगवान शिव की स्तुति को प्रस्तुत किया।

शनिवार को महाराज श्री ने कहा कि कलाकारों द्वारा मंच के माध्यम

से प्रस्तुत पौराणिक परंपराओं को दर्शक, श्रद्धालु एवं शिव भक्त जान पाए। हरियाणावी

कला के महान हस्ताक्षर रहे स्व.रवि शंकर शर्मा को स्मरण किया और उनको मंच के माध्यम

से श्रद्धाजंलि अर्पित की। हरियाणा सरकार के साथ मिलकर रवि शंकर शर्मा ने पूरे प्रदेश

में हरियाणावी संस्कृति को आगे बढाने के लिए समर्पित सेवाएं दी।

सूर्यकवि पंडित लख्मीचंद

की रागनियां ऐसे ऐतिहासिक दस्तावेज हैं जिनको सुनकर-समझ कर पेश की गई भगवान शंकर की

शादी का वृतांत दर्शकों के लिए महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां रही। पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश

स्वरुप जी महाराज ने शिव स्तोत्र महायज्ञ के दौरान कहा कि भगवान शिव की कृपा से ही

जीवन में सिद्धि, शुद्धि और उन्नति प्राप्त होती है। यज्ञ परमात्मा का हृदय है, जो

मानवता के कल्याण हेतु अनुष्ठान स्वरूप संपन्न किया जाता है। शिव मंत्रों का जप करने

से आत्मशुद्धि, मोक्ष और आध्यात्मिक उन्नति संभव होती है।

हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल की ओर से सतकुंभा उत्सव के तीसरे

दिन अंकित शर्मा एंड पार्टी में काजल शर्मा, खुशी, काजल, करीना, नेहा, रीना, अलफाज

हरियाणावी, राहुल, मुकेश आदि ने हरियाणावी संस्कृति को प्रस्तुत करने वाली रागनियां,

घुम्मर नृत्य, हरियाणावी लोक नृत्य, धार्मिक रागनियों के साथ कलाकारों ने समां बांध

दिया।

शिवस्तोत्र के तीसरे दिन मुख्य यजमान, वेद ज्ञाता आचार्य अमन

कुमार व सूरज शास्त्री रहे आचार्य शिवम कौशिक करनाल से व आचार्य विष्णु शर्मा डेराबस्सी

पंजाब से आए वेद पाठियों ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण कर शिव स्तोत्र महायज्ञ करवाया।

सतकुम्भा उत्सव में रविवार को हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल की ओर से रविदत्त सांपला

एंड पार्टी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

   

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