पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया अंतिम चरण में, बीएलओ घर-घर जा कर रहे सत्यापन

कोलकाता, 10 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। मतगणना प्रपत्रों के वितरण और अपलोडिंग की समयसीमा में दो दिन शेष रहने के साथ ही बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) ने मंगलवार को विभिन्न इलाकों में जाकर उन मतदाताओं की पहचान की, जो या तो अनुपस्थित हैं, अन्य स्थानों पर चले गए हैं या जिनका निधन हो चुका है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्यभर में अब तक कुल 7.66 करोड़ नामांकन प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं, जो कुल सात करोड़ 66 लाख 27 हजार 406 मतदाताओं के 99.99 प्रतिशत कवरेज के बराबर है। बीएलओ अब यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि कोई भी मतदाता सूची में दोहराया न जाए, मृतक मतदाता के नाम हटाए जाएं और अनुपस्थित मतदाताओं की जानकारी सही-सही दर्ज हो।

टालीगंज विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ सुरजीत बसु ने बताया कि मैंने अनुपस्थित मतदाताओं की सूची बूथ पर्यवेक्षक को भेज दी है, जिसे अब निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को सौंपा जाएगा। मेरे पास कुल 120 फॉर्म हैं, जिनमें अनुपस्थित, मृत और स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं। लगभग 10 प्रतिशत मतदाताओं का पता कई बार प्रयास करने के बाद भी नहीं चल पाया, उन्हें अनुपस्थित के रूप में चिह्नित किया जाएगा।

इसी बीच, जोधपुर पार्क क्षेत्र की बीएलओ सुनंदा हल्दार ने बताया कि उनके सेक्शन में लगभग 650 मतदाता हैं, जिनमें कुछ की आयु 85 वर्ष से अधिक है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मैं इन वरिष्ठ मतदाताओं के घर जाकर उनकी स्थिति और आवश्यक दस्तावेजों की अंतिम बार जांच कर रही हूं।

बीएलओ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं से मुलाकात कर यह भी पता लगाया कि वे घर से मतदान करने की सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं या नहीं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक सात करोड़ 64 लाख 44 हजार 281 फॉर्म का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है, जो कुल वितरित फॉर्म का 99.75 प्रतिशत है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि 11 दिसंबर की समयसीमा तक नामांकन प्रपत्रों का वितरण और उनका डिजिटलीकरण दोनों कार्य पूरे हो जाएंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 16 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि बीएलओ अंतिम दौर में वरिष्ठ मतदाताओं की वास्तविक स्थिति और संख्या के सत्यापन में जुटे हुए हैं, ताकि मतदाता सूची त्रुटिरहित और अद्यतन रूप में प्रकाशित की जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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