हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के शिक्षकों की केस स्टडी आईएसओ की वेबसाइट पर हुई प्रकाशित

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस उपलब्धि को बताया गौरवपूर्णहिसार, 8 जुलाई (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों द्वारा भारतीय प्रिंटिंग उद्योग से तैयार केस स्टडी ‘भारतीय प्रिंटर्स द्वारा अपनाए गए प्रिंट मानकों के लाभ’ को अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण (आईएसओ) की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। यह केस स्टडी आईएसओ की तकनीकी समिति टीसी-130 के आधिकारिक पृष्ठ पर प्रकाशित हुई है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने मंगलवार काे इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए संकाय सदस्यों को बधाई दी है। इस केस स्टडी के लेखक मंडल में प्रो. अंजन कुमार बराल व डा. संजीव कुमार गुजविप्रौवि के प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य हैं। तीसरे सदस्य दास दामोदरन, फ्रैब टेक्नोलॉजीज, मुंबई के बिजनेस डायरेक्टर हैं। इस महत्वपूर्ण केस स्टडी में बीआईएस टीम (भारतीय मानक ब्याूरो) और आईएसओ टीसी-130 टीम की सक्रिय भूमिका रही है। प्रो. अंजन कुमार बराल व डा. संजीव कुमार ने केस स्टडी की प्रति कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को सौंपी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने लेखकों को इस केस स्टडी के प्रकाशन के लिए बधाई दी और कहा कि भारतीय प्रिंटर अंतर्राष्ट्रीय प्रिंट मानकों को अपनाकर गुणवत्तापूर्ण और एकरूप मुद्रण सुनिश्चित कर रहे हैं। भारत प्रिंट मानकों को अपनाने में किए गए प्रयासों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि गुजविप्रौवि हमेशा से गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक मानकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। यह केस स्टडी केवल लेखकों की उपलब्धि ही नहीं, बल्कि भारत के लिए गौरव का विषय है। इससे हमारे विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को वैश्विक स्तर पर योगदान देने की प्रेरणा मिलेगी।कुलसचिव डा. विजय कुमार ने कहा कि यह सफलता हमारे विश्वविद्यालय और पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर है। इससे यह साबित होता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि मानकों के निर्माता के रूप में भी उभर रहा है।इस केस स्टडी में भारतीय मानक ब्यूरो की भूमिका को भी प्रमुखता से रेखांकित किया गया है, जिन्होंने भारतीय प्रिंट उद्योग को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए लगातार प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और नीति निर्धारण में सहयोग किया। साथ ही आईएसओ टीसी-130 तकनीकी समिति ने भारत की भागीदारी को सशक्त बनाते हुए, भारतीय प्रतिनिधियों को लेखन और मानक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। यह केस स्टडी भारतीय प्रिंट उद्योग के विकास, मानकीकरण और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देने वाला है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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