जमैका में शर्मनाक हार के बाद रोस्टन चेस बोले–टीम का प्रदर्शन दिल तोड़ने वाला और शर्मनाक

किंग्स्टन (जमैका), 15 जुलाई (हि.स.)। वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में टीम की शर्मनाक हार को दिल तोड़ने वाला और शर्मनाक बताया है। सबीना पार्क में खेले गए इस मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम महज़ 27 रन पर ऑलआउट हो गई और तीन मैचों की सीरीज़ 0-3 से गंवा दी।

204 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की पूरी टीम महज़ 14.3 ओवर में 27 रन पर सिमट गई। यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले 1955 में न्यूज़ीलैंड की टीम इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन पर ढेर हुई थी। वेस्टइंडीज की यह अब तक की सबसे खराब पारी रही, जो उनके पिछले न्यूनतम स्कोर 47 से भी 20 रन कम है।

टीम की बल्लेबाज़ी इतनी निराशाजनक रही कि शीर्ष छह बल्लेबाज़ों ने मिलकर सिर्फ 6 रन बनाए, जो टेस्ट इतिहास में एक रिकॉर्ड है। साथ ही यह पहला मौका था जब किसी टीम की पारी में सात खिलाड़ी खाता खोले बिना आउट हुए।

इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ मिशेल स्टार्क ने भी इतिहास रचते हुए सबसे तेज़ टेस्ट 'पांच विकेट' अपने नाम किया। उन्होंने महज़ 15 गेंदों में वेस्टइंडीज के शीर्ष पांच विकेट चटकाए, जिनमें से तीन विकेट पहले ही ओवर में आए। स्टार्क ने 6 विकेट लिए।

चेस ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,यह बहुत निराशाजनक है। हम हर टेस्ट में ऐसे मौके बना रहे हैं जहां से जीत की संभावना होती है, लेकिन आखिरी पारी में हम बिल्कुल बिखर जाते हैं। यह काफी दिल तोड़ने वाला है। हम लगातार एक जैसी गलतियां दोहरा रहे हैं, जो दर्शाता है कि हम उनसे सीख नहीं रहे। 30 रन से भी कम पर आउट होना निश्चित रूप से शर्मनाक है।

हालांकि चेस ने पिच को लेकर कोई बहाना नहीं बनाया और कहा कि 204 रनों का लक्ष्य पूरी तरह से संभव था।

उन्होंने कहा, विकेट अच्छी थी, उतनी मुश्किल नहीं थी जितनी पिछली दो टेस्टों में थी, जहाँ गेंद नीची रहती थी या अजीब उछाल लेती थी। हम मानते थे कि 204 रन बनाए जा सकते हैं। लेकिन जब आप 11 रन पर 6 विकेट गंवा देते हैं, तो फिर कुछ करना मुश्किल हो जाता है।

तीन टेस्ट की सीरीज़ में वेस्टइंडीज की बल्लेबाज़ी पूरी तरह से लड़खड़ा गई। उनकी पारियों के स्कोर इस प्रकार रहे: 190, 141, 253, 143, 143 और 27।

पूरे सीरीज़ में सिर्फ ब्रैंडन किंग ही एकमात्र वेस्टइंडीज बल्लेबाज़ रहे जिन्होंने अर्धशतक (75 रन) लगाया और उनका औसत 21.50 रहा, जो टीम में सबसे अधिक था। इसके विपरीत, ऑस्ट्रेलिया के चार बल्लेबाज़ों का औसत 30 से ऊपर रहा और ट्रैविस हेड ने सबसे ज्यादा रन (दो अर्धशतक) बनाए।

चेस ने यह भी माना कि पिचें बल्लेबाज़ों के लिए चुनौतीपूर्ण थीं, लेकिन अपने गेंदबाज़ों के प्रदर्शन की सराहना की।

उन्होंने कहा, यह शायद पहला मौका है जब मैं ऐसी टेस्ट सीरीज़ में खेला जहां किसी भी बल्लेबाज़ ने शतक नहीं लगाया। इससे साफ पता चलता है कि गेंदबाज़ों ने कितना शानदार प्रदर्शन किया।

आगे की रणनीति पर बात करते हुए चेस ने कहा,अब हमें खुद की बल्लेबाज़ी की गहराई से समीक्षा करनी होगी। अगली टेस्ट सीरीज़ अक्टूबर में भारत के खिलाफ है। हमारे पास तैयारी के लिए समय है। भारत की पिचें स्पिन-अनुकूल होती हैं, तो हमें स्पिन के खिलाफ अभ्यास पर ज़ोर देना होगा। बैटिंग कैंप्स आयोजित करना फायदेमंद रहेगा ताकि हम 300 रन का स्कोर खड़ा कर सकें।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

   

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