रुड़की सीबीआरआई में हुआ भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2025 का कर्टेन रेज़र कार्यक्रम

हरिद्वार, 17 नवंबर (हि.स.)।केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीबीआरआई), रुड़की द्वारा 11वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) 2025 का कर्टेन रेज़र कार्यक्रम सोमवार को आरएनटी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस वर्ष इस उत्सव का आयोजन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरियोलॉजी (आईआईटीएम), पुणे नोडल संस्थान की भूमिका में है। फेस्टिवल 6–9 दिसंबर तक पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। फेस्टिवल की थीम विज्ञान से समृद्धि : आत्मनिर्भर भारत रखी गयी है।

सीएसआईआर–सीबीआरआई के वरिष्ठतम वैज्ञानिक डॉ. डी. पी. कानूनगो ने कहा कि आईआईएसएफ 2025 का उद्देश्य वैज्ञानिकों, नवोन्मेषकों, शिक्षकों, छात्रों, उद्योग विशेषज्ञों, विज्ञान संचारकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाना है ताकि सहयोग, सृजनशीलता और ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दिया जा सके।

कर्टन रेजर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. आशीष रतुड़ी, इंस्टिट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज़, देहरादून एवं सदस्य, विज्ञान भारती ने कहा कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय समृद्धि, नवाचार और सतत विकास की आधारशिला है। उन्होंने युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और उन्हें भारत की आत्मनिर्भरता में योगदानकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित किया। सीएसआईआर–सीबीआरआई के निदेशक डॉ. आर. प्रदीप कुमार ने भी आईआईएसएफ 2025 कर्टन रेज़र के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं और इसे वैज्ञानिक जागरूकता एवं सहयोग को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण आयोजन बताया।

कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हेमलता द्वारा आभार-प्रदर्शन एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम में डॉ. पी. सी. थपलियाल, श्री विनीत सैनी, डॉ. तबिश आलम, डॉ. चंचल, डॉ. अनिंद्य पाइन, श्री राजेंद्र, श्री रजनीश, श्री रजत, श्री अनुज, कु. इक़रा, कु. राशी, कु. संस्कृति आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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