डॉ. महावीर सिंह बने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नए कुलपति
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- Jun 02, 2025

शिमला, 02 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला को तीन वर्षों के लंबे इंतजार के बाद नया स्थायी कुलपति मिल गया है। भौतिक विज्ञान के वरिष्ठ प्रोफेसर और नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. महावीर सिंह को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ला ने उनकी नियुक्ति को स्वीकृति दी है। इसे लेकर अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना के मुताबिक डॉ. सिंह की नियुक्ति तीन वर्षों की अवधि के लिए की गई है जो उस दिन से प्रभावी होगी जिस दिन वे पदभार ग्रहण करेंगे।
डॉ. महावीर सिंह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं। इससे पहले वे बद्दी विश्वविद्यालय में भी उपकुलपति के पद पर कार्य कर चुके हैं। शैक्षणिक प्रशासन में अनुभव के साथ-साथ उन्होंने विज्ञान और शोध के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं। डॉ. सिंह मूल रूप से शिमला जिले के कुमारसैन क्षेत्र से संबंध रखते हैं और राज्य के शिक्षाविदों में एक जाना-पहचाना नाम हैं।
नैनो टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता
डॉ. महावीर सिंह की विशेषज्ञता भौतिक विज्ञान में विशेषकर नैनो टेक्नोलॉजी में है। इस क्षेत्र में उनके शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उनके अनुसंधान कार्यों को न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है। विज्ञान में उनके योगदान के लिए उन्हें कई अकादमिक सम्मानों और पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है।
कुलपति पद लंबे समय से था रिक्त
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति मिलने में तीन वर्षों से अधिक का समय लग गया। वर्ष 2022 में उस समय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने राज्यसभा चुनाव में भाग लेने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी, जिसके बाद यह पद रिक्त हो गया था। तब से लेकर अब तक विश्वविद्यालय का कार्य संचालन कार्यवाहक व्यवस्था के माध्यम से किया जा रहा था।
हालांकि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) के कुलपति प्रो. सत्य प्रकाश बंसल को एचपीयू के कुलपति पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था लेकिन दो विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी एक साथ निभाना आसान नहीं था। इससे विश्वविद्यालय में निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित हुई और कई अकादमिक तथा प्रशासनिक निर्णय लंबित रह गए।
छात्रों और शिक्षकों में थी असंतोष की भावना
स्थायी कुलपति की नियुक्ति में देरी को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों और शिक्षक समुदाय में असंतोष व्याप्त था। बार-बार मांग उठाई जा रही थी कि विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द स्थायी नेतृत्व दिया जाए ताकि शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों में गति लाई जा सके। छात्रों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए और राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।
सर्च कमेटी ने किया था चयन
राज्य सरकार द्वारा गठित सर्च कमेटी ने कुलपति पद के लिए चयन प्रक्रिया को अंजाम दिया। 22 अक्टूबर 2024 को चंडीगढ़ में आयोजित साक्षात्कार में देशभर से कुल 18 दावेदारों ने भाग लिया था। विभिन्न मापदंडों, योग्यता, अनुभव और दूरदृष्टि के आधार पर सर्च कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी थी। इसके आधार पर अंततः डॉ. महावीर सिंह के नाम पर मुहर लगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा