जितेंद्र के पिता ने पुलिस पर लगाया हीलाहवाली का आरोप

पौड़ी गढ़वाल, 15 दिसंबर (हि.स.)। जितेंद्र कुमार आत्महत्या प्रकरण में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मामले में हीलाहवाली बरतने का आरोप लगाया है। परिजनों ने प्रशासन से परिवार को सुरक्षा प्रदान करने और जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से अधिवक्ता दिलाए जाने की मांग की है। सोमवार को मृतक के पिता सतीश चंद्र व उनकी पत्नी ने डीएम व एसएसपी को ज्ञापन दिया।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच की गई होती, तो आरोपितों को जमानत इतनी आसानी से नहीं मिलनी थी। उन्होंने डीएम व एसएसपी को ज्ञापन देकर जल्द समस्या का हल निकालने की मांग की है। कोतवाली पौड़ी क्षेत्र के तलसारी गांव में बीते 21 अगस्त की सुबह 4 बजे युवक जितेंद्र कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले मृतक युवक ने अपनी फेसबुक पेज पर एक वीडियो अपलोड किया था। जिसमें उसने पूर्व भाजयुमो नेता हिमांशु चमोली सहित अन्य पर उसके पैसे हड़पने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या का कारण बताया था। कोतवाली पौड़ी पुलिस ने मृतक युवक के पिता की तहरीर पर भाजयुमो नेता सहित पांच के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने मामले में बीते 22 अगस्त को पूर्व भाजयुमो नेता हिमांशु चमोली को गिरफ्तार किया था। चार अन्य आरोपितों शुभम खंडूड़ी, गौरव कांबोज, विकास शाह व अभिषेक गैरोला को 25 अगस्त को गिरफ्तार किया था। अदालत के आदेश पर सभी आरोपितों को पुलिस ने जिला कारागार खांड्यूसैंण भेज दिया था। बीते 27 अगस्त को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने आत्महत्या प्रकरण के सभी आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। प्ररकण में बीते 16 सितंबर को मुख्य आरोपित और बीते 24 सितंबर को चार अन्य आरोपितों पर एससीएसटी एक्ट बढ़ा दी गई थी। चार आरोपितों ने बीते 6 सितंबर और मुख्य आरोपित ने 24 सितंबर को अदालत में जमानत की अपील की थी।

जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में प्रकरण के मुख्य आरोपित सहित पांचों आरोपितों को बीते 26 सितंबर को जमानत पर रिहा कर दिया था। मृतक जितेंद्र के पिता सतीश चंद्र ने बताया कि प्रकरण में पुलिस ने गंभीरता के विवेचना नहीं की। साथ ही सरकारी वकील ने अदालत में कमजोर पैरवी की। जिससे अदालत में पीड़ित पक्ष कमजोर पड़ गया और सभी आरोपियों को आसानी से जमानत मिल गई। उन्होंने बताया कि आरोपितों के खुलेआम घूमने से पीड़ित परिवार को खतरा बना हुआ है। सतीश चंद्र ने परिवार को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराए जाने और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से अधिवक्ता दिलाए जाने की मांग की है।

हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह

   

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