पलवल जिले में यमुना नदी से लगते गांवों की खेती जलमग्न, किसान बेहाल

पलवल, 4 अगस्त (हि.स.)। यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने पलवल जिले के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और हरियाणा के साथ-साथ उत्तराखंड व हिमाचल से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना उफान पर है। इसका सीधा असर पलवल जिले के उन गांवों पर पड़ रहा है, जो यमुना के तटवर्ती इलाकों में स्थित हैं।

पलवल जिले में यमुना नदी के किनारे बसे कुछ गांवों, गुरवाड़ी, पहलादपुर, थंथरी, दोषपुर, राजूपूर, और बागपुर में यमुना नदी का पानी घुसने की खबरें भी आई हैं।

अनेक गांवों की हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। खेतों में खड़ी धान, बाजरा, ज्वार, सब्जी और चारे की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है।

किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर फसलें बोई थीं और अब पूरा भविष्य अधर में लटक गया है। पानी भरने के कारण खेतों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। कुछ गांवों में रास्ते भी बंद हो चुके हैं और कई ग्रामीणों ने पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।

प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही जा रही है।

जल भराव वाले गांवों में एसडीएम और तहसीलदारों की टीम लगातार दौरे कर रही हैं और प्रभावित किसानों की सूची बनाई जा रही है, ताकि नुकसान का आंकलन किया जा सके।

हालांकि, किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द नुकसान का मुआवजा घोषित किया जाए और उन्हें तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए। यदि बारिश का सिलसिला और पानी का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो हालात और ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि उन्हें इस आपदा की घड़ी में अकेला न छोड़ा जाए और शीघ्र ही मदद पहुंचाई जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग

   

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