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गुवाहाटी, 22 फरवरी (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को बताया कि आगामी 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गौरवमयी उपस्थिति में गुवाहाटी में सबसे बड़े झूमर नृत्य प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में चाय बागान समुदाय के नौ हजार से अधिक कलाकार भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के चाय बागान और आदिवासी समाज का एक अविभाज्य अंग झूमर नामक लोकनृत्य है। 19वीं शताब्दी में चाय बागान उद्योग के उदय के समय, असम को अपना घर बनाने वाले परिश्रमी पुरुषों और महिलाओं ने कठिन श्रम के बाद आनंद और सामूहिक उत्सव के रूप में झूमर नृत्य की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि कभी श्रमिकों के मनोरंजन और कड़ी मेहनत से राहत के एक साधन के रूप में शुरू हुआ झूमर आज चाय बागान समुदाय की पहचान का प्रमुख कला रूप बन चुका है। इस नृत्य में पुरुष और महिलाएं सीतापति, हसुली, झुमका, चंद्रहार, पायरी जैसे पारंपरिक आभूषण धारण कर प्रस्तुति देते हैं। साथ ही, मादल, धुमसा और बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनियां इसमें चार चांद लगा देती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भव्य आयोजन का उद्देश्य असम के चाय जनजातीय भाई-बहनों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उचित मान्यता देना है। लंबे समय से इस समुदाय के लोग गरीबी और उपेक्षा के शिकार रहे हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी शोषण का सामना करने के बावजूद उनकी संस्कृति को वह सम्मान नहीं मिल पाया, जिसकी वह हकदार थी।
उन्होंने कहा कि हम केवल उनकी संस्कृति को भव्य रूप से प्रस्तुत कर उन्हें सम्मान ही नहीं दे रहे, बल्कि चाय बागान क्षेत्रों में नए स्कूल, सड़कें, कॉलेजों की स्थापना और योग्य युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए भी लगातार कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि आने वाली पीढ़ी डॉक्टर, इंजीनियर और सरकारी अधिकारी बने।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि 24 फरवरी को गुवाहाटी के सरुसजाई में आयोजित झूमर नृत्य प्रदर्शन का आनंद लें और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश