खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि अधिकारी किसानों की करें हर संभव सहायता : चंद्र कुमार

धर्मशाला, 02 मई (हि.स.)।

चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में प्रदेश के कृषि अधिकारियों के लिये खरीफ फसलों पर कार्यशाला और प्रदेश में हल्दी की खेती व उपयोग की संभावना को तलाशने के लिए विशेष सत्र का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने किया।

चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नवीन कुमार और निदेशक कृषि विभाग कुमद सिंह इस अवसर पर विशेष रूप में उपस्थित रही।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कहा कि किसानों को स्वावलंबी बनाने और उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में कृषि विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान तथा शोध का केंद्र हैं जो किसानों की समस्याओं को दूर और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में अपनी भूमिका निभाते है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खेती-बाड़ी सबसे बड़ा व्यवसाय है। किसान खेती-बाड़ी से ही अपनी आजीविका का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान फसल विविधिकरण को अपनाकर नगदी फसलों की तरफ अपना रुझान अधिक करें ताकि उनकी आर्थिकि और सुदृढ़ हो। उन्होंने किसानों को मार्केट वैल्यू के अनुसार फसलों का उत्पादन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कृषि अधिकारियों को क्लस्टर आधारित खेती करने के लिए किसानों को जागरूक करने को भी कहा।

उन्होंने वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों से किसानों को खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ाने में मदद करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल कृषि, राज्य में खाद्य फसलों, तिलहन, दालों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकती है। उन्होंनें ने कृषि वैज्ञानिकों को पहाड़ी क्षेत्र के अनुसार कृषि अनुसंधान पर गहन अध्ययन के साथ रिमोट सेंसिंग और मिट्टी पोषक मानचित्रण करने का सुझाव दिया। साथ ही में उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों तथा कृषि क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्रों से फील्ड में जाने का आह्वान किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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