मुख्यमंत्री ने बरहमपुर में 33,625 महिलाओं को उद्यमिता बीज पूंजी वितरित की

गुवाहाटी, 01 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को नगांव जिले के बरहमपुर विधानसभा क्षेत्र की 33,625 महिला लाभार्थियों को मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (एमएमयूए) के तहत उद्यमिता बीज पूंजी चेक प्रदान किए। इनमें 32,615 महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों से और 1,010 शहरी क्षेत्रों से हैं।

कठियातली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में मिशन शुरू होने के बाद राज्यभर की महिलाएं इसके उद्देश्यों से भलीभांति परिचित हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 44 विधानसभा क्षेत्रों में पहली किस्त वितरित की जा चुकी है और करीब 10 लाख महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। सरकार का लक्ष्य इस माह के अंत तक 15 लाख और फरवरी तक 32 लाख महिलाओं को पहली किस्त उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में तीन करोड़ महिलाओं को ‘लखपति बहनें’ बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि असम में भी आठ लाख से अधिक महिलाएं एसएचजी ऋण, बैंक लिंकेज और रिवॉल्विंग फंड की मदद से यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अंडा, चावल, दूध, दाल और तेल जैसे आवश्यक उत्पादों के लिए असम अभी भी आयात पर निर्भर है, जिसका प्रमुख कारण महिलाओं की सीमित आर्थिक भागीदारी है।

उन्होंने अमूल के उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि गुजरात की महिला सहकारी समितियां प्रतिदिन 1.5 करोड़ लीटर दूध उत्पादन करती हैं, जबकि असम केवल दो लाख लीटर उत्पादन करता है। यदि असम की 40 लाख एसएचजी महिलाएं प्रतिदिन एक-एक लीटर दूध का उत्पादन करें तो राज्य का दैनिक उत्पादन 40 लाख लीटर तक पहुंच सकता है। इसी प्रकार, यदि प्रत्येक महिला मुर्गी पालन के माध्यम से प्रतिदिन दो अंडे भी उत्पादित करे तो असम प्रतिदिन 80 लाख अंडों का उत्पादन कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से बीज पूंजी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि अभी प्रदान की गई 10,000 रुपये की राशि सिर्फ पहला कदम है। छह माह बाद उपयोग की समीक्षा की जाएगी और उचित उपयोग पाए जाने पर क्रमशः 25,000 और 50,000 रुपये की अगली किस्तें दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि बरहमपुर की महिलाओं ने कृषि, पशुपालन, हथकरघा एवं हस्तशिल्प में विशेष रुचि दिखाई है। बकरी पालन के लिए 8,714, दुग्ध उत्पादन के लिए 5,176, मुर्गी पालन के लिए 3,859, सूअर पालन के लिए 2,989, बत्तख पालन के लिए 1,279 और मत्स्य कार्यों के लिए 1,133 आवेदनों की प्राप्ति हुई है।

‘अरुनोदय’ योजना पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बरहमपुर में 30,410 लाभार्थी इससे लाभान्वित हो रहे हैं और 3,000 नए पात्र लाभार्थियों को शामिल करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि ‘मुख्यमंत्री निजुत मइना’ योजना के तहत 2,546 छात्राएं लाभान्वित हुई हैं। उन्होंने 1 जनवरी को कई नई कल्याणकारी घोषणाओं का संकेत भी दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अरुणोदय और एमएमयूए जैसी योजनाओं ने महिलाओं की गरिमा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने महिलाओं को ‘माता’ और ‘घर की लक्ष्मी’ की संज्ञा देते हुए बाल विवाह पर कड़ी कार्रवाई और बहुविवाह विरोधी विधायी उपायों का भी उल्लेख किया।

कार्यक्रम में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केशव महंत, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका, सांसद कमाख्या प्रसाद तासा, विधायक जीतू गोस्वामी, रूपक शर्मा, दिप्लू रंजन शर्मा, शशिकांत दास, एएसआरएलएम मिशन निदेशक कुंतलमणि शर्मा बरदलै, डीसी देबाशीष शर्मा सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने कठियातोली विकास खंड में स्थापित ‘मामा बाजार’ का उद्घाटन किया। स्थानीय विधायक जीतू गोस्वामी की पहल और असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से स्थापित यह बाजार पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित है। यहां कुल 24 दुकानें संचालित हो रही हैं, जिन्हें चार-चार एसएचजी सदस्यों ने मिलकर 40 हजार रुपये की बीज पूंजी निवेश से प्रारंभ किया है। यह बाजार स्थानीय उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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