दिल्ली में आयोजित शहरी अध्ययन केंद्र कार्यशाला में महापौर वीरेंद्र भटट ने लिया भाग

मंडी, 19 मई (हि.स.)। नगर निगम मंडी के महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित शहरी अध्ययन केंद्र कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि शहरी निकाय अपने-अपने क्षेत्रों को किस प्रकार से आमजनमानस की मूलभूत आवश्यकताओं और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर, ढांचागत रूप से एक विकसित एवं सतत सहयोगात्मक शहर का स्वरूप प्रदान कर सकते हैं। कार्यशाला में देश के विभिन्न नगर निगमों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने-अपने अनुभव साझा किए।

इस अवसर पर महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा ने मंडी नगर निगम की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि मंडी नगर को धार्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में कैसे विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मंडी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्ध है, और यदि योजनाबद्ध रूप से संसाधनों का प्रयोग किया जाए तो इसे एक आदर्श धार्मिक नगर के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि नगर निगम में वर्तमान में कुशल स्टाफ की कमी है, जिसके चलते कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं पर अपेक्षित गति से कार्य नहीं हो पा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि शहरी निकायों को पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके। साथ ही उन्होंने इस दिशा में केंद्र एवं राज्य

सरकार से विशेष सहयोग की अपेक्षा भी जताई। कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियां दी गई, जैसे स्मार्ट सिटी की अवधारणा, नागरिक सहभागिता, टिकाऊ बुनियादी ढांचा, धार्मिक पर्यटन का एकीकृत विकास आदि। मंडी नगर निगम की ओर से प्रस्तुत सुझावों को कार्यशाला में सराहा गया और उन्हें अन्य नगर निकायों के लिए प्रेरणादायक बताया गया। इस बैठक में नगर निगम मंडी के पार्षद अलकनंदा हांडा व राजेंद्र मोहन भी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

   

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