
— ग्रामीणों और पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान, चारा-दवा की व्यवस्था के निर्देश
मीरजापुर, 12 जुलाई (हि.स.)। गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। शनिवार को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अजय कुमार सिंह ने चुनार क्षेत्र के सीखड़ विकास खंड अंतर्गत रामगढ़, पसियाही, धनैता, सीखड़, गौरैया आदि गांवों में स्थापित बाढ़ चौकियों का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान एडीएम ने ग्रामीणों से संवाद करते हुए बीते वर्षों में आई बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ चौकियों को सतर्क रहने को कहा और वहां आवश्यक दवाओं व एक एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में आमजन और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अस्थायी शरणस्थल, भूसा, चारा व अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से ही सुनिश्चित की जाएं। इस मौके पर एसडीएम राजेश कुमार वर्मा, नायब तहसीलदार प्रताप नारायण ओझा, राजस्व निरीक्षक तारकेश्वर मिश्रा, लेखपाल समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।
गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है
जिला प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, ओझला पुल के पास गंगा नदी का जलस्तर शनिवार दोपहर 12 बजे 71.670 मीटर दर्ज किया गया है। जलस्तर हर घंटे 1.250 सेमी की दर से बढ़ रहा है और बीते चार घंटे में कुल 5 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है।
बाढ़ की चेतावनी का स्तर 76.724 मीटर और खतरे का स्तर 77.724 मीटर निर्धारित है। वर्ष 1978 में अब तक का सबसे ऊंचा बाढ़ स्तर 80.34 मीटर रिकॉर्ड किया गया था, जबकि वर्ष 2024 में अधिकतम जलस्तर 76.530 मीटर तक पहुंचा था। प्रशासन ने संभावित खतरे को भांपते हुए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा