(अपडेट) आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उठाए कई अहम कदम, सीआरआर में कटौती का ऐलान

मुंबई, 06 जून (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से नीतिगत ब्‍याज दर रेपो रेट को 0.50 फीसदी घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करते हुए बैंकों में नकदी बढ़ाने को सीआरआर में कटौती करने का ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक स्थिति नाजुक है और विभिन्न देशों में आर्थिक परिदृश्य कमजोर बना हुआ है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कमजोर आर्थिक परिदृश्य के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। संजय मल्होत्रा ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 0.50 फीसदी घटाकर 5.50 फीसदी किया। मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों के लिए अपार अवसर प्रदान करती है। उन्‍होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी किया गया है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट में इस वर्ष एक फीसदी की कटौती के बाद अब मौद्रिक नीति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश है। केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा, भू-राजनीतिक तनाव एवं मौसम संबंधी अनिश्चितताएं बाधाएं उत्पन्न कर सकती हैं। मल्‍होत्रा ने कहा कि अब एमपीसी भविष्य की नीति तैयार करने के लिए आय के आंकड़ों और उभरते परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी।

गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में चालू खाते का घाटा (कैड) कम रहा, जो वित्त वर्ष 2025-26 में भी प्रबंधन के स्तर पर बना रहेगा। संजय मल्‍होत्रा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार 691.5 अरब अमेरिकी डॉलर पर 11 महीने से अधिक की आयात जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट के बावजूद भारत आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। मल्‍होत्रा ने कहा कि आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआआर) 1 फीसदी घटाने की घोषणा की, इससे बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति का मानना है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार उम्मीद के अनुरूप है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नकदी के ‘संतोषजनक’ स्तर पर होने से बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दर का लाभ तेजी से दे सकेंगे।

आरबीआई ने इससे पहले इस साल फरवरी और अप्रैल महीने की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती की थी। महंगाई दर में नरमी के बीच आरबीआई ने आज आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को उम्मीद से अधिक 0.50 फीसदी घटाकर 5.50 फीसदी पर ला दिया है, जबकि बैंकों में नकदी बढ़ाने को सीआरआर में भी कटौती की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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