सीआईडी को नहीं भेजा गया है सोनाली आत्महत्या का मामला : एसपी

रामगढ़, 11 जुलाई (हि.स.)। रामगढ़ थाने का सौरभ आत्महत्या कांड और सोनाली आत्महत्या कांड काफी चर्चित मामला बन गया है। पहले प्रेमी सौरभ सिंह की आत्महत्या के बाद तथाकथित प्रेमिका सोनाली को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद तथाकथित प्रेमिका सोनाली ने आत्महत्या की, तो मृतक सौरभ की बहन श्वेता सिंह और उसके तथाकथित प्रेमी राहुल कुमार उर्फ सोनू को अभियुक्त बनाया गया। अब सोनाली के पिता बिमल सिंह ने अपनी बेटी की मौत को लेकर रामगढ़ पुलिस को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। बिमल सिंह ने कहा कि श्वेता और राहुल पर कांड दर्ज हुए 22 दिन हो गए, लेकिन कोई छापेमारी नहीं हुई। सीआईडी जांच की मांग कर उन्होंने रामगढ़ पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सीआईडी को नहीं भेजा गया कोई केस : एसपी

रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने वस्तुस्थिति पर शुक्रवार को बताया कि सौरभ और सोनाली दोनों की मौत को लेकर रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज है। पहली प्राथमिकी 383/24 और दूसरी प्राथमिकी 162/25 रामगढ़ थाने में ही दर्ज है। लेकिन किसी भी केस को सीआईडी को हैंडओवर नहीं किया गया है। रामगढ़ पुलिस अभी भी पूरे मामले की जांच कर रही है। सीआईडी जांच को लेकर न तो पुलिस प्रशासन के पास मुख्यालय से कोई पत्र आया है और न ही जिला पुलिस प्रशासन की ओर से कोई पत्राचार विभाग के साथ किया गया है। उन्होंने बताया कि सोनाली सुसाइड कांड में उनके पिता बिमल सिंह ने दो लोगों पर आरोप लगाए थे। इसमें श्वेता सिंह और राहुल कुमार को आरोपी बनाया गया था। इस पूरे मामले की जांच अभी चल ही रही है।

डीजीपी को लिखे गए पत्र में पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

बिमल सिंह ने मामले को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा है। इसमें पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा है कि रामगढ़ पुलिस ने उनकी बेटी सोनाली को कांड संख्या 383/24 की जांच के दौरान काफी प्रताड़ित किया गया। जांच के नाम पर अनुसंधानकर्ता ओंकार पाल ने घंटों थाने में बिठाया। पुलिस पदाधिकारियों ने उसे डराया धमकाया। यहां तक कि थाने में बिमल सिंह और उनकी पत्नी को भी काफी फटकार लगाई गई। उन्होंने कहा कि सौरभ के पिता नशे में धुत रहते हैं और उनके बच्चे निरंकुश थे‌। श्वेता खुद को बीसीसीआई का कोच बताती है और अधिकारियों का धौंस दिखती है। उसके भाई सौरभ ने जबरन सोनाली के साथ एकतरफा प्यार किया। बाद में उसने नशे की हालत में ही आत्महत्या भी कर ली। श्वेता सिंह, उसके पिता देव शंकर सिंह, उसका चचेरा भाई सोनू सिंह, श्वेता का तथाकथित प्रेमी राहुल कुमार उर्फ सोनू ने मिलकर सोनाली को इतना प्रताड़ित किया कि वह आत्महत्या करने पर विवश हो गई। इन सभी ने पुलिस के साथ मिलकर एक ऐसा खौफनाक मंजर तैयार किया, जिससे उनका खुशहाल परिवार आज गम के दलदल में डूब गया है। उन्होंने डीजीपी से पूरे मामले की सीआईडी से जांच कर कर न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने 125 पन्ने की पूरी फाइल बनाकर डीजीपी को दिया। उस आधार पर डीजीपी ने आवेदन में वर्णित तथ्यों की जांच करने का जिम्मा सीआईडी को सौंपा है।

बेटी तो नहीं लौट सकती, धुल सकता है लगा लांछन

सोनाली के पिता बिमल सिंह ने कहा कि वे पिछले सात महीने में काफी कुछ झेल चुके हैं। उनकी बेटी पर दर्ज मुकदमे की सही तरीके से जांच नहीं हो पाई। सोनाली ने जितनी बातें अपनी सफाई में रखी, किसी ने भी उसे अहमियत नहीं दी। यहां तक कि श्वेता और राहुल ने मिलकर सोनाली पर कई लांछन लगाए, इसकी वजह से उसकी नौकरी भी चली गई। अब वह सिर्फ अपनी बेटी के चरित्र पर लगे लांक्षण को हटाने के लिए कानून की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अब वापस नहीं आ सकती, लेकिन अगर उसपर लगे झूठे आरोप हट जाएं तो समाज में सलोनी को एक बेहतर इंसान के रूप में याद किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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