वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन कर आय को करें दुगुना डॉ जे एस संधू
- Admin Admin
- Feb 17, 2025

जोधपुर, 17 फरवरी (हि.स.)। पश्चिमी राजस्थान में बकरी पालन में किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने की अद्भुत क्षमता है, साथ ही न्यूनतम निवेश लागत के साथ स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं। ये वक्तव्य कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने प्रकट किये। डॉ कुमार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत किसान कौशल विकास केंद्र की ओर से 14 से 20 फरवरी तक आयोजित सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम के मौके पर बतौर अध्यक्ष कृषकों को संबोधित कर रहे थे।
बकरी पालन की महत्ता को बताते हुए उन्होंने कहा कि कृषि से संबद्ध गतिविधि के साथ-साथ एक स्वतंत्र व्यावसायिक गतिविधि के रूप में बकरी पालन, किसानों और ग्रामीण परिवारों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसे अगर वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए तो आय सृजन की पर्याप्त संभावना है। उन्होंने कृषकों को कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होने प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद श्री करण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय , जोबनेर के पूर्व कुलपति डॉ जे एस संधू ने कहा कि किसानों के लिए बकरी पालन, जीवन यापन व आजीविका का सबसे सुरक्षित स्रोत है। कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किसानों के हित में लगातार चलाये जा रहे प्रशिक्षण शिविर सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि किसान अगर वैज्ञानिक तरीके से उन्नत नस्ल की बकरी का पालन करें तो आय दुगुनी कर सकते हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती मंतरेश सिंह एवं श्रीमती सुरेन्द्र पाल कौर संधु मौजूद रही।
किसान कौशल विकास केंद्र के निदेशक डॉ प्रदीप पगारिया ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि बकरी पालन के क्षेत्र में सीमांत और लघु कृषक के साथ-साथ युवाओं का भी ध्यान आकर्षित किया है। पिछले कुछ सालों में वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन व्यवसाय अपनाने से अतिरिक्त धन के साथ-साथ ये रोजगार के नये साधन के रूप में भी विकसित हुआ है।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला के आगामी सत्रों में बकरी पालन के माध्यम से आय बढाने के साथ ,नस्ल सुधार, बीमारियों से बचाव, उन्नत प्रजाति का चुनाव, आहार और चारे का प्रबंधन के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रियंका स्वामी ने किया। कार्यशाला के दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
इस अवसर पर किसानों के साथ प्रशिक्षण अधिकारी मनीष बेड़ा, प्रियंका , नीलिमा मकवाना , अनिल कुमार यादव सहित अन्य अधिकारी एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश