जींद : पेयजल व्यवस्था के संचालन व रखरखाव में अब ग्राम पंचायतों की बढ़ेगी  भागीदारी   

जींद, 14 फ़रवरी (हि.स.)। जल जीवन मिशन के तहत पेयजल व्यवस्था के संचालन व रखरखाव संबंधित अब ग्राम पंचायतों की सरकारी जन भागीदारी बढाई जाएगी। जिसके तहत ग्राम पंचायतों का दायित्व बढ़ेगा व पेयजल के प्रति जागरूकता व संवेदीकरण में बढोत्तरी होगी। इसको लेकर प्रमुख अभियंता देवेंद्र दहिया की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से एकल ग्राम योजना के लिए सरकारी सामुदायिक भागीदारी के आधार पर ग्रामीण जल आपूर्ति योजना के लिए ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस नीति के प्रस्तावित कार्यान्वयन पर जागरूकता प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

मुख्य अभियंता एवं निर्देशक जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन राजीव बातिस ने पीपीटी के माध्यम से नई संचालन एवं रखरखाव नीति के बारे में जानकारी दी। प्रमुख अभियंता ने बताया की यह नीति एक अपै्रल 2025 से लागू होगी। सबसे पहले उन ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा जो सिंगल विलेज स्कीम के तहत आते हैं। इसके अलावा मल्टी विलेज स्कीम की ग्राम पंचायतों में यह नीति एक अप्रैल 2026 से लागू की जाएगी। इस नीति के तहत ग्राम जल एवं सीवरेज समिति को और अधिक पावर प्रदान की गई हैं। जिसमें 50 प्रतिशत महिलाओं की भूमिका हैं।

ग्राम पंचायत सरपंच, ग्राम सचिव के नाम से एक बैंक खाता होगा। जिसमें पेयजल संबंधित विभागीय अनुदान सहित, पीने के पानी के कनेक्शन फीस की राशि व मासिक विल की राशि भी ऑटोमैटिक ही ग्राम पंचायत के खाते में आएगी। इस वीसी में अधीक्षक अभियंता, जिला सलाहकार, सभी कार्यकारी अभियंता, सभी उपमंडल व कनिष्ठ अभियंता व सभी खंड समन्वयक ने नयी योजना के बारे में जानकारी ली।

जिला सलाहकार रणधीर मताना ने बताया कि एक अप्रैल 2025 से नई संचालन एवं रखरखाव नीति को क्रियान्वयन करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिला में कुल 300 ग्राम पंचायत हैं जिसमें से सिंगल विलेज स्कीम के तहत आने वाली ग्राम पंचायतों में इस योजना की शुरूआत सबसे पहले की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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