सोनीपत:बेटियों के प्रति सोच बदलने की आवश्यकता:अंजलि श्रोत्रिय

-राज्य स्तरीय कार्यशाला में स्त्री-पुरुष

समानता पर जोर

सोनीपत, 6 मार्च (हि.स.)। गोहाना

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भगत फूलसिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां में

स्त्री-पुरुष समानता में नागरिक दायित्व विषय पर राज्यस्तरीय गुरुवार को कार्यशाला

का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय ने बतौर मुख्यातिथि

किया। उन्होंने कहा कि बेटी के जन्म से पहले समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। आज

भी महिलाओं को बराबरी का अवसर नहीं मिलता, लेकिन यदि यह अवसर मिले, तो वे हर क्षेत्र

में प्रगति करेंगी।

उन्होंने

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज की सोच में सकारात्मक

बदलाव आया है। अब परिवार बेटियों को बेटों के समान अधिकार और अवसर देने लगे हैं। इस

सोच में बदलाव के चलते बेटियां शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में सफलता की नई ऊंचाइयों

को छू रही हैं।

कार्यशाला

में पत्रकार एवं लेखक चन्द्रभूषण ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी होना

बेहद आवश्यक है। जब महिलाएं अपने अधिकारों को समझेंगी और निर्भय होकर अपनी आवाज उठाएंगी,

तभी उनके साथ न्याय संभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि चुप रहना किसी समस्या का समाधान

नहीं है, बल्कि अपने हक के लिए आवाज उठाना हर स्त्री का कर्तव्य है।

पत्रकार

इंदिरा राठौर ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी क्षमता को साबित कर रही हैं।

स्त्री सशक्तिकरण तभी साकार होगा जब महिलाएं स्वयं अपने फैसले लेंगी और आत्मनिर्भर

बनेंगी। जिला

महिला एवं बाल विकास अधिकारी गीता गहलावत ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी सरकारी

एवं गैर सरकारी संस्थाओं में संचालित आंतरिक शिकायत समितियों की भागीदारी सुनिश्चित

करना है। कार्यशाला में गीता गहलावत, सीडीपीओ निर्मला, सुशीला, जसवंती, मुख्य जनसंपर्क

अधिकारी राजीव रंजन, एसएचओ सदर महिपाल सिंह, दुर्गा शक्ति वाहिनी एसएचओ सुदेश रानी,

डॉ. मंजु पंवारआदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

   

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