राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में उत्तराखंड को मिलेगी प्राथमिकता: केंद्रीय मंत्री शिवराज

- उत्तराखंड में वैज्ञानिकों की 75 टीमें किसानों से कर रही हैं सीधा संवाददेहरादून, 06 जून (हि.स.)। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उत्तराखंड में जानवरों से खेती को बचाने को लिए घेरबाड़, तारबाड़ को प्राथमिकता दी जाएगी। यह खेती को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

देहरादून कौलागढ़ स्थित हिमालयन कल्चरल सेंटर में आज आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि यह बात कही। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के कृषि विभाग का अमला, प्रगतिशील सभी किसानों को साथ लेकर महाभियान की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि 2,170 वैज्ञानिकों की टीमें देशभर में हर क्षेत्र की विशेषता, जलवायु विभिन्नता, मिट्टी की उर्वरक क्षमता हर बारिकजानकारियों पर पूर्व अनुमान के साथ गांव में जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं। उत्तराखंड में भी वैज्ञानिकों की 75 टीमें किसानों से सीधे संवाद कर रही हैं। शोध की जानकारी देकर और उसी के आधार पर आगे की कृषि दिशा तय की जा रही है। किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोई और नहीं है, इसलिए इस अभियान के तहत दो तरफा संवाद किया जा रहा है। किसानों भाई-बहनों की व्यावाहारिक समस्याओं को सुनकर समझकर ही आगे के अनुसंधान, नीति, कार्यक्रम और योजना का मार्ग तय होगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों में चमत्कार है। यहां की फल और सब्जियों की उपज दूसरे किसी भी क्षेत्र की तुलना में शानदार है। यहां के सेब अब कश्मीर को प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं, जो यहां कि बागवानी क्षेत्र की उन्नति को दर्शाता है। उन्होंने उत्तराखंड के फल ‘काफल’ की भी बात की। उन्होंने कहा कि औषधीय गुणों के कारण ‘काफल’ की दुनिया में भी मांग बढ़ रही है। मोटे अनाज के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि यहां का मोटा अनाज भी अद्भुत है। यहां का पारंपरिक अनाज ‘मंडुवा’ भी अब सब जगह अपनी प्रसिद्धि स्थापित कर रहा है।

‘मंडुवा’ के साथ-साथ ऐसे ही अन्य उपयोगी पारंपरिक अनाजों के उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा। उत्तम किस्म के बीज बनाने होंगे और साथ ही साथ मार्केटिंग और ब्रांडिग पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज और बाकि फसलों को संरक्षित करके इनके उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा। ऐसा करके हम अपने उत्पादों की विश्व स्तरीय पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं। कई स्थानों पर जैविक तरीके से इनका उत्पादन किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से और भी अधिक लाभदायक है। इसकी महत्ता को देखते हुए हमें इस ओर ठोस प्रयासों के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तराखंड की सरकार के सहयोग से मिलकर उत्तराखंड की कृषि में उन्नति के लिए रोडमैप तैयार करेंगे। कृषि मंत्री ने सभी किसानो मृदा स्वास्थ्य कार्ड का इस्तेमाल करने और मिट्टी की जरुरत के अनुसार ही उर्वरकों के इस्तेमाल का आह्वान किया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि वह 14 जून को एक बार फिर से कृषि मेले के अंतर्गत उत्तराखंड आएंगे और किसानों से मुलाकात करेंगे।

इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी, कृषि एवं किसान कल्याण सचिव डॉ सुरेंद्र नारायण पांडेय, महानिदेशक, कृषि एवं बागवानी रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

   

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