भाषा के मामले में कोई देश भारत जितना समृद्ध नहीं: उपराष्ट्रपति
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- Jun 17, 2025

पुडुचेरी, 17 जून (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि भारत दुनिया का महत्वाकांक्षी राष्ट्र है और वह भाषा के मुद्दे पर बंटवारा बर्दाश्त नहीं कर सकता।
उपराष्ट्रपति पुडुचेरी में पांडिचेरी विश्वविद्यालय में बोल रहे थे। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना इस बात पर दुख जताया कि भाषाओं का विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में अभूतपूर्व विकास के परिणामस्वरूप भारत दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी राष्ट्र है, हम भाषाओं को लेकर कैसे विभाजित हो सकते हैं। भाषा के मामले में दुनिया का कोई भी देश भारत जितना समृद्ध नहीं है। संस्कृत का वैश्विक महत्व है और इसके साथ तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओडिया, मराठी, पाली, प्राकृत, बंगाली और असमिया सहित 11 शास्त्रीय भाषाएँ हैं। उन्होंने कहा कि संसद में सदस्यों को 22 भाषाओं में चर्चा की अनुमति है। हमारी भाषाएँ समावेशिता का संकेत देती हैं। सनातन महान उद्देश्य के लिए एकजुट होना सिखाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV