विमल नेगी जनजातीय मंच का मेडिकल लीव पर चल रहे एसपी शिमला संजीव गांधी पर निशाना

शिमला, 03 जून (हि.स.)। हिमाचल पॉवर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की सीबीआई जांच के बीच मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। किन्नौर निवासी विमल नेगी के परिजनों और ‘विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच’ ने मेडिकल लीव पर चल रहे शिमला के एसपी संजीव गांधी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। मंच का आरोप है कि जब यह मामला सीबीआई को सौंपा जा चुका है तो संजीव गांधी की हाईकोर्ट में दखल देने की वजह क्या है और वे किसके इशारे पर काम कर रहे हैं?

शिमला में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में मंच के कार्यकारी अध्यक्ष पीसी भगत सिंह और मृतक के मामा राजेंद्र नेगी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई शुरुआत से ही संदेहास्पद रही है। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद शिमला पुलिस की ओर से कोई ठोस जांच नहीं की गई। मंच ने यह आरोप भी लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे एसपी रहते संजीव गांधी किसी खास दिशा में जांच को मोड़ने की कोशिश कर रहे थे।

राजेंद्र नेगी ने कहा कि इस मामले पर जब सरकार मौन रही, लेकिन एक जिला पुलिस प्रमुख इतनी रुचि क्यों ले रहा था, यह बात किन्नौर की जनता जानना चाहती है।

मंच का कहना है कि 10 मार्च को विमल नेगी लापता हुए थे और 15 मार्च को उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विशेष टास्क फोर्स बनाकर उन्हें खोजने की मांग की थी। इसके बाद 27 मार्च को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। छोटा शिमला थाने में दर्ज एफआईआर पर भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा कि परिजनों और किन्नौर की जनता ने बार-बार मामले की सीबीआई जांच की मांग की। जब सरकार ने सीबीआई को जांच नहीं सौंपी तो परिवार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंच ने सरकार पर “दोहरे चरित्र” का आरोप लगाते हुए कहा कि वह एक ओर निष्पक्ष जांच का दावा करती है और दूसरी ओर सीबीआई जांच में रुकावटें खड़ी की जा रही हैं।

मंच ने अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को निष्पक्ष और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली बताया। मंच का कहना है कि निष्पक्ष जांच के बावजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव को छुट्टी पर भेज दिया गया।

प्रेस वार्ता में मंच ने डीजीपी द्वारा अदालत में दायर हलफनामे को सही और तथ्यों पर आधारित बताया वहीं एसपी शिमला की रिपोर्ट को भ्रामक और संदेहास्पद करार दिया।

मंच ने यह भी पूछा कि जब जांच अब सीबीआई के हवाले है तो एसपी शिमला इस पूरे मामले में इतनी उत्सुकता क्यों दिखा रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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