विमल नेगी मौत मामला : सीबीआई जांच में हाईकोर्ट नहीं करेगा दखल
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- Jun 05, 2025

शिमला, 05 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी द्वारा दायर लेटर्स पेटेंट अपील (एलपीए) पर सनुवाई हुई। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस अपील को एसपी गांधी और एसआईटी सदस्यों की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए मामले काे सुना। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह मामले की सीबीआई जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा ताकि निष्पक्ष, तव्रित और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित हो सके।
हाईकोर्ट ने प्रदेश के गृह सचिव और तत्कालीन डीजीपी को नोटिस जारी कर एसपी संजीव गांधी की ओर से दायर अपील पर आंशिक रूप से जवाब दाखिल करने को कहा है तथा साथ ही खंडपीठ ने मामले सुनवाई के दाैरान पाया कि एकलपीठ का आदेश ठीक है । संजीव गांधी फिलहाल मेडिकल लीव पर हैं और उन्होंने यह अपील नीजि ताैर पर दाखिल की है।
अपनी याचिका में गांधी ने मांग की है कि पहले की गई एसआईटी जांच को 'प्रीविलेज डॉक्यूमेंट' का दर्जा दिया जाए और इस पर दोबारा विचार हो। साथ ही उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया है कि इस मामले में एक स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया जाए जिसकी निगरानी स्वयं हाईकोर्ट करे। गांधी ने यह भी आग्रह किया है कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड को कोर्ट में तलब किया जाए, ताकि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने लाई जा सके।
गौरतलब है कि विमल नेगी की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत की जांच को लेकर उनकी पत्नी किरण नेगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने पुलिस जांच में खामियां और विरोधाभास पाए जाने के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
सीबीआई ने अब मामले से जुड़ा लगभग पूरा रिकॉर्ड शिमला पुलिस से लेकर जांच शुरू कर दी है। इसके बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन डीजीपी अतुल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा और एसपी संजीव गांधी को अवकाश पर भेज दिया था। डीजीपी वर्मा 31 मई को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारियां नए अधिकारियों को सौंप दी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि 10 मार्च को चीफ इंजीनियर विमल नेगी रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए थे। आठ दिन बाद उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर झील से बरामद हुआ था। मामले की जांच शुरू में शिमला पुलिस की एसआईटी कर रही थी, लेकिन मृतक की पत्नी ने जांच को पक्षपातपूर्ण बताते हुए इसे चुनौती दी और सीबीआई जांच की मांग की थी।
हरिकेश मीणा की अंतरिम जमानत बढ़ी
इसी मामले में फंसे पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से आंशिक राहत मिली है। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाकर अब 16 जून कर दी गई है। गुरुवार को हुई सुनवाई में सीबीआई ने मीणा को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए स्वयं को इस केस में पक्षकार बनाए जाने की बात कही। कोर्ट ने सीबीआई को याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अगली सुनवाई 16 जून को होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा