जलागम मंत्री ने वाटरशेड यात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

देहरादून, 11 फ़रवरी (हि.स.)। जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने से घरेलू उपभोग और सिंचाई के लिए पानी की लगातार कमी हो रही है। खेतों की उत्पादकता घटना भी पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन का एक बड़ा कारण रहा है। इन तमाम मामलों को देखते हुए राज्य सरकार जलागम क्षेत्र के आधार वर्षा जल संरक्षण और जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है।

प्रदेश के जलागम व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने निरंजनपुर स्थित एक होटल में मंगलवार को भूमि संसाधन विकास भारत सरकार के अंतर्गत संचालित हो रही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जलागम विकास 2.0 के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के जनसंपर्क अभियान वाटरशेड यात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत संकल्पना के आधार पर वर्षा जल संरक्षण को बहुत अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है। गांव-गांव और जन-जन तक जलागम विकास के महत्व की जानकारी पहुंचाने और लोगों को वर्षा जल के संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए प्रदेश में वाटरशेड यात्रा अभियान का श्री गणेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि यात्रा अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लोग परियोजना क्षेत्र में किए गए कार्यों और इसके परिणाम की जानकारी प्राप्त कर लाभ ले सकेंगे। उन्होंने लोगों की वर्तमान और भविष्य की जरूरत के लिए मृदा और जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली और पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने भी जल संचय व संरक्षण की महत्ता पर विचार व्यक्त किए। वाटरशेड यात्रा शुभारंभ के मौके पर 30 ग्राम पंचायतों के लोगों के साथ-साथ ग्राफिक एरा और गुरु रामराय स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

   

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