अमृतसर में हिंद की चादर फिल्म पर विवाद:SGPC ने सिख भावनाओं का हवाला देते हुए निर्माता-निर्देशक से मूवी रिलीज न करने को कहा

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन पर आधारित एनिमेशन फिल्म ‘हिंद की चादर’ को लेकर विवाद गहरा गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के मुख्य सचिव सरदार कुलवंत सिंह मंनन ने फिल्म के निर्माताओं और निर्देशक से कहा है कि सिख भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म को रिलीज न किया जाए। उन्होंने बताया कि बवेजा मूवी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई इस फिल्म में सिख सिद्धांतों, इतिहास तथा फिल्मांकन के स्तर पर कई गंभीर कमियां पाई गई हैं। इन कमियों को देखते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज के आदेश के तहत, सचिवालय द्वारा पत्र जारी कर 21 नवंबर 2025 को निर्धारित फिल्म रिलीज को रोकने का निर्देश दिया गया है। ड्रामा या एनिमेशन के रूप में दिखाना सिख सिद्धांतों के विरुद्ध है मंनन ने स्पष्ट किया कि गुरु साहिबान को किसी भी प्रकार की कल्पना, ड्रामा या एनिमेशन के रूप में दिखाना सिख सिद्धांतों के विरुद्ध है और यह श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी हुए हुक्मनामों का उल्लंघन भी है। उन्होंने कहा कि जब गुरु साहिबान और उनके परिवार के पात्रों को निभाने पर पाबंदी है, तो ऐसी फिल्में बनाने से पहले ही परहेज करना चाहिए। जांच समिति ने दी रिपोर्ट फिल्म जांच समिति द्वारा फिल्म देखने के बाद अपनी रिपोर्ट अकाल तख्त को भेजी गई थी, जिस पर रोक का आधिकारिक पत्र जारी किया गया। मंनन का कहना है कि ऐसी प्रस्तुतियां न केवल सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि विवाद भी खड़े करती हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरा सिख पंथ इस समय श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी मना रहा है, उस दौरान सिद्धांतों से हटकर ऐसी एनिमेशन फिल्म रिलीज करना किसी भी तरह उचित नहीं है।

   

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