जींद : एनएचएम महिला एमपीएचडब्ल्यू ने सीएमओ कार्यालय पर किया प्रदर्शन

जींद, 6 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन ने गुरूवार को सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया। बाद में सीएमओ को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शर्मिला देवी, शशि बाला एवं बबिता देवी ने प्रदर्शनकारी कर्मियों को संबोधित करते हुए एनएचएम प्रोजेक्ट के नाम पर वर्ष 1998 से महिला एमपीडब्ल्यू (एएनएम) कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। बेटी बचाओ का नारा देने वाली सरकार में बेटियां अपने हकों के लिए आंदोलन का रास्ता चुनने को विवश है लेकिन बार-बार पत्राचार एवं वार्ता के बावजू्द सरकार की योजनाओं को धरातल स्तर पर पहुंचाने वाली महिला कर्मचारियों की आधारभूत मांगो को अनदेखा किया जा रहा है एवं महिला कर्मचारी आर्थिक एवं मानसिक शोषण का शिकार है।

उन्होंने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के समान काम समान वेतन के आदेशों के बावजूद कर्मचारिका नाममात्र वेतन पर कार्य करने को मजबूर हैं। उन्हें नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर ड्रेस अलाउंस, यात्रा भत्ता तथा यहां तक की सेवानिवृत्ति पर भी कोई सम्मानजनक राशि का प्रावधान नहीं किया गया है, जो कि बेहद चिंतनीय विषय है। राज्य महासचिव सहदेव आर्य एवं प्रवक्ता संदीप कुंडू ने बताया कि मांगे पूरी न होने के रोष स्वरूप ज्ञापन सौंपते हुए मांगो को हल करने की अपील की गई है। यदि सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही नही की जाती तो सप्ताह भर में राज्य स्तरीय मीटिंग बुलाते हुए आगामी रणनीति तैयार की जाएगी एवं प्रदेश का एमपीएच डब्ल्यू वर्ग आंदोलन की राह पर होगा व आमजन को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

उन्होंने मांग की कि एनएचएम एवं अर्बन पीएचसी में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू को कैडर के मूल वेतनमान एफीएसल 6, (4200) ग्रेड पे का लाभ दिया जाए। नियमित एमपीएचडब्ल्यू फिमेल की भांति एनएचएम में कार्यरत कर्मियों को भी एमसीएच अलाउंस, दिया जाए। एनएचएम में कार्यरत महिला एमपीएचडब्लयू को नियमित भर्ती में अनुभव का लाभ दिया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों के लिए इंटर डिस्ट्रिक्ट एवं इंट्रा डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी फ्रेम की जाए एवं दूर घर से बाहर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही महिला कर्मचारियों को राहत प्रदान की जाए। रिटायरमेंट बेनिफिट एवं ग्रेजुएटी का लाभ प्रदान किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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