विश्वविद्यालय तत्काल पोर्टल खोले, अन्यथा पूरे मामले को उच्च न्यायालय में दी जाएगी चुनौती: संजीव सिंह

अर्थदंड की प्रक्रिया पूरी करने पर पोर्टल खोला जाएगा: केशलाल कुलसचिव

जौनपुर, 01दिसंबर (हि.स.)। यूपी के जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध 135 स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रथम वर्ष के परीक्षा फॉर्म भरने का पोर्टल बंद कर दिया गया है। इसके कारण स्नातक और परास्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थी अपने परीक्षा फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इस मामले में सोमवार को बात करते हुए प्रबंधक संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने बताया कि राजभवन लखनऊ ने सभी कॉलेजों को मानक पूरा करने के लिए 20 फरवरी 2026 तक का स्पष्ट समय दिया है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय जानबूझकर पोर्टल खोलने से बच रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पूरा समय मिला हुआ है, तो पोर्टल बंद रखने का क्या औचित्य है? यह सीधे-सीधे छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है।

बैठक में चौंकाने वाला आरोप सामने आया कि कुछ कॉलेजों का पोर्टल कथित रूप से रिश्वत लेकर खोल दिया गया है, जबकि बाकी 135 महाविद्यालयों को जानबूझकर रोका जा रहा है। महासंघ ने इसे खुला भ्रष्टाचार बताते हुए तत्काल जांच की मांग की है।

प्रबंधकों ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षकों के अनुमोदन से लेकर छोटे-छोटे कार्यों तक विश्वविद्यालय के कुछ जिम्मेदार बिना पैसा लिए फाइल आगे नहीं बढ़ाते। यह स्थिति शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित कर रही है।

वहीं इस मामले में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव केशलाल का कहना है कि अर्थदंड की प्रक्रिया पूरी करने पर पोर्टल खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि संबद्धता विस्तार की तारीख कई बार दी गई थी, लेकिन महाविद्यालयों ने अभी तक मानक पूरे नहीं किए हैं।

उपाध्यक्ष रामानंद यादव और सचिव भूपेंद्र यादव ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पोर्टल न खुलने से छात्र-छात्राएं मानसिक तनाव में हैं और कॉलेज प्रबंधन पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि विश्वविद्यालय तत्काल पोर्टल नहीं खोलता है, तो पूरे मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। इसके लिए रिट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

   

सम्बंधित खबर