मप्र के भोजशाला में हिंदू समाज को मां वाग्देवी का तैल चित्र ले जाने से रोका, सत्याग्रह करने रहे लोगों में आक्रोश

धार, 02 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के भोजशाला का मामला एक बार फिर से चर्चा में है। यहां की प्राचीन भोजशाला में मंगलवार को सुबह उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब सत्याग्रह के अंतर्गत पूर्व की तरह हिंदू समाज के लोग वहां पर दर्शन-पूजन और हनुमान चालीसा पाठ करने पहुंच थेे। इस दौरान पुरातत्व विभाग (एएसआई) के अधिकारियों ने हिंदू समाज के लोगों से मां वाग्देवी के तैल चित्र को जब्त कर लिया और उसे अंदर ले जाकर पूजन करने की अनुमति नहीं दी।

इसको लेकर हिंदू समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। उन्होंने एएसआई की इस कार्रवाई का विरोध किया। हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश जलोदिया और हेमंत दौराया ने बताया कि पूर्व में प्रयुक्त मां वाग्देवी का तैल चित्र आगामी वसंत पंचमी पर्व के लिए सुधार के लिए दिया गया था, इसलिए वे लोग पूजा के लिए दूसरा चित्र लेकर भोजशाला पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एएसआई द्वारा नया चित्र जब्त कर धार्मिक आयोजन में बाधा डाली जा रही है।

बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही

समिति के पदाधिकारी द्वय यह भी आरोप लगाया कि उर्स की तैयारी को लेकर भोजशाला क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही है, जो नियम विरुद्ध है, जबकि हिंदू समाज को लगातार दबाया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने चित्र वापस नहीं किया और बिना अनुमति हो रही रंगाई-पुताई नहीं रोकी, तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा। पुलिस-प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Gyanendra Tripathi

   

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