श्रीमद् भगवदगीता एक धर्मनिरपेक्ष ग्रंथ : प्रो. एच. एन. दुबे

--राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग में श्रीमद् भगवद्गीता की मनाई गई जयंती

प्रयागराज, 01 दिसम्बर (हि.स.)।श्रीमद् भगवद गीता का पूरे विश्व मेंआदर है क्योंकि यह एक धर्मनिरपेक्ष ग्रंथ हैl यह बात सोमवार को राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग प्रयागराज में गीता जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.एच. एन. दुबे ने कही।

उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर प्रत्येक मानव के लिए गीता का उपदेश दिया है l इस अवसर पर चौधरी महादेव प्रसाद महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता में सभी विषय समाहित हैं इसी कारण श्रीमद् भागवत गीता का विश्व में सर्वाधिक अनुवाद मिलता हैl जगत तारन महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर परमा द्विवेदी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता में विभिन्न योगों के बारे में बताया है, सम्पूर्ण 18 अध्याय में 18 योग के माध्यम से मानव जाति के कल्याण का मार्ग बताया गया है l

--बटुक ब्रह्मचारियों के वैदिक मंगलाचरण से प्रदर्शनी एवं विचार गोष्ठी का हुआ शुभारम्भ

राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग में सोमवार को गीता जयंती के अवसर पर श्री कृष्ण एवं गीता पर आधारित दुर्लभ पांडुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एच. एन. दुबे ने किया l

जगत तारन एवं सीएमपी महाविद्यालय से आए छात्र-छात्राओं ने भगवान श्री कृष्ण एवं गीता पर आधारित दुर्लभ पांडुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी व मूल पाण्डुलिपियों का भी अवलोकन किया। प्रदर्शित पांडुलिपियों में श्रीमद् भागवत गीता के विभिन्न भाष्य एवं टीका, रिभु गीता, पांडव गीता, अर्जुन गीता, उत्तर गीता, फारसी भाषा में लिखित श्रीमद् भागवत महापुराण एवं गीता, उर्दू भाषा में लिखित गीता, श्रीमद् भागवत गीता एवं विविध स्तोत्र आदि पांडुलिपियां प्रदर्शित की गई l

महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय ,बाघम्बरी मठ, प्रयागराज के छात्र-छात्राओं ने उपस्थित होकर प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा स्वस्ति वाचन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया l कार्यक्रम में आए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट एवं स्वागत पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्राविधिक सहायक संस्कृत हरिश्चंद्र दुबे ने किया l कार्यक्रम में डॉ शाकिरा तलत, अजय मौर्या रुचि मिश्रा, मोहम्मद सफीक, आनंद एवं अभिषेक आदि उपस्थित रहे l

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल

   

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