चंडीगढ़ 20 हजार से ज्यादा टैक्स डिफाल्टरों को कुर्की नोटिस​​​​​:नगर निगम ने बढ़ाई सख्ती, पानी कनेक्शन काटने तक की तैयारी, 100 करोड़ पार होने की उम्मीद

चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम जहां वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम के तहत चैरिटेबल ट्रस्ट और सरकारी स्वायत्त संस्थानों को ब्याज व जुर्माने में राहत दे रहा है, वहीं निजी प्रापर्टी के टैक्स डिफाल्टरों पर सख्ती बढ़ा दी गई है। अब 20 हजार रुपए से ज्यादा टैक्स बकाया रखने वाले सभी डिफाल्टरों को संपत्ति कुर्क करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं। नगर निगम की कार्रवाई नगर निगम ने 20 हजार रुपए से ज्यादा प्रापर्टी टैक्स बकाया रखने वाले डिफाल्टरों की सूची तैयार कर उन्हें संपत्ति कुर्की के नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। इससे पहले निगम 50 हजार और 30 हजार रुपए से ऊपर बकाया रखने वाले टैक्स डिफाल्टरों को नोटिस जारी कर कार्रवाई कर चुका है। अब तीसरी श्रेणी में आने वाले 20 हजार से अधिक बकाया वालों पर भी सख्ती शुरू हो गई है। टैक्स न भरने वाले प्रापर्टी मालिकों पर पानी का कनेक्शन काटने के आदेश तक जारी किए गए हैं। निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि निर्धारित समय में टैक्स जमा नहीं किया गया, तो संबंधित प्रापर्टी को अटैच किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उसकी बिक्री तक की कार्रवाई भी की जाएगी। पंजाब म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट 1994 नगर निगम को प्रापर्टी अटैच करने तथा बेचने दोनों का अधिकार देता है। निगम कमिश्नर अमित कुमार ने सभी तरह के टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान में नगर निगम के पास टैक्स डिफाल्टरों का कुल बकाया 170 करोड़ रुपए से अधिक है, जिसमें से करीब 100 करोड़ रुपए के मामले अदालतों में लंबित हैं। 100 करोड़ पार होने की उम्मीद नगर निगम ने इस वर्ष अब तक करीब 82 करोड़ रुपए प्रापर्टी टैक्स की वसूली कर ली है, जो अब तक की सबसे अधिक वसूली मानी जा रही है। पिछले पूरे वित्त वर्ष में केवल 59 करोड़ रुपए टैक्स जमा हुआ था, लेकिन इस बार सख्ती और लगातार कार्रवाई के चलते रिकॉर्ड वसूली हुई है। अभी वित्त वर्ष के लगभग पांच महीने शेष हैं, ऐसे में निगम अधिकारियों का कहना है कि टैक्स वसूली 100 करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने की पूरी संभावना है। करोड़ों का टैक्स अब भी लंबित नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार सबसे बड़ा बकाये दार पंजाब यूनिवर्सिटी है, जिस पर करीब 60 करोड़ रुपए प्रापर्टी टैक्स बकाया चल रहा है। इसके बाद आईटी पार्क का नाम आता है, जिस पर लगभग 45 करोड़ रुपए का बकाया है। पीजीआई पर 23 करोड़ रुपए की देनदारी थी, जिसमें से हाल ही में 11 करोड़ रुपए निगम को जमा करवाए गए हैं। इसी तरह यूटी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पर 16 करोड़ रुपए, गोल्फ क्लब पर 12 करोड़ रुपए और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) पर 10 करोड़ रुपए का प्रापर्टी टैक्स बकाया दर्ज है। रेलवे स्टेशन ने अपनी देनदारी में से 2.98 करोड़ रुपए हाल ही में जमा करवा दिए हैं। पुराने बड़े डिफाल्टरों से हो रही वसूली नगर निगम नए टैक्स डिफाल्टरों पर कार्रवाई के साथ-साथ पुराने बड़े बकायेदारों से भी एरियर की वसूली तेज कर चुका है। पीजीआई ने अपनी लंबित देनदारी में से 11 करोड़ रुपए एरियर के तौर पर निगम को जमा कराए हैं, जबकि रेलवे विभाग ने भी 3 करोड़ रुपए की राशि अदा कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम के तहत भी अधिकांश मामलों के निपटने की संभावना है, जिससे निगम की एरियर रिकवरी और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

   

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