विश्व दिव्यांग दिवस पर मुख्यमंत्री योगी ने किया तीन दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन

-30 व्यक्तियों/संस्थाओं को राज्य स्तरीय दिव्यांगजन सम्मान पुरस्कार प्रदान किए

लखनऊ, 3 दिसंबर (हि.स.)। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 30 व्यक्तियों, संस्थाओं, नियोक्ताओं एवं सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कार्मिकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 500 दिव्यांगजन को ट्राईसाइकिल एवं विभिन्न सहायक उपकरण वितरित किए, दिव्य कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया तथा विशेष विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं को टैबलेट एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए।

इसके अलावा इस अवसर पर अन्य पिछड़ा वर्ग वर्ग के कक्षा-9 से 12 तक के 5,33,285 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति स्वीकृति प्रमाण-पत्र तथा कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना एवं विवाह अनुदान योजना के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की ऋषि परम्परा ने हमेशा से यह साबित किया है कि व्यक्ति की शारीरिक बनावट उसकी क्षमता का निर्धारण नहीं करती। भारतीय मनीषा का मानना रहा है कि वास्तविक शक्ति मन, शंकल्प और आत्मबल है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को उस संकल्प शक्ति को आत्मबल को वास्तविक जीवन में दिव्यांगजन की सामर्थ्य से घटित होते हुए देखा है। हमारे यहां एक अष्टावक्र गीता है। ऋषि अष्टावक्र ने उसे रचा है। उनके बारे में अनेक धारणाएं हैं लेकिन उन्होंने आत्मज्ञान दिया है। संत सूरदास जी समेत दुनिया अनेक उदाहरण हैं, जहां पर दिव्यांगजन काे थाेड़ी शक्ति और सहयोग मिला तो उन्होंने समाज के लिए बड़ा कार्य किया।

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार दिव्यांगजनों के समग्र कल्याण, सम्मान और आत्मनिर्भरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीआरसी) की स्थापना की जाएगी। इससे सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग और थेरेपी की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। दिव्यांग पेंशन को 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किए जाने, सहायक उपकरणों की वित्तीय सहायता को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये तक करने तथा विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत दिव्यांग दंपतियों को 35,000 रुपये की सहायता प्रदान किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विभिन्न जिलों से आए 500 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किए गए और विशेष विद्यालयों में अध्ययनरत 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि 3 से 5 दिसंबर तक आयोजित “दिव्य कला प्रदर्शनी” दिव्यांगजन की कलात्मक, तकनीकी, व्यावसायिक एवं उद्यमशील क्षमताओं का अनूठा प्रदर्शन करेगी, जिसमें दिव्यांग कलाकारों और बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान आयोजित सीएसआर कॉन्क्लेव में दिव्यांगजन कल्याण को बढ़ावा देने हेतु 28 बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आमंत्रित किया गया है, जहां कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के अंतर्गत पुनर्वास, प्रशिक्षण, रोजगार एवं नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष चर्चा की जाएगी।

छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना पर बोलते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण अब सितंबर माह से ही शुरू कर दिया गया है, जबकि पूर्व में यह मार्च में होता था। इस वर्ष 5,33,285 छात्र-छात्राओं को 134 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। अब तक 12,76,000 से अधिक छात्रों को 323 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और सतत प्रयासों से पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की सभी योजनाएं तेज गति से लागू हो रही हैं।-----------

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

   

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