राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के तहत सुलह समझौता के आधार पर समाधान की सम्भावना अधिक, कराएं निस्तारण
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- Jul 17, 2025

--30 सितम्बर तक चलेगा मध्यस्थता अभियान
प्रयागराज, 17 जुलाई (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दिनेश कुमार गौतम ने आमजन एवं विधि व्यवसायियों से माह जुलाई के अंदर प्रार्थना पत्र जमा कराकर इस अभियान का लाभ उठाने की अपील की है। यह अभियान 30 सितम्बर तक चलाया जाएगा।
उन्होंने बताया है कि उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं जनपद न्यायाधीश-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के तहत मध्यस्थता के माध्यम से न्यायालय में लम्बित ऐसे प्रकरण जिसमें सुलह समझौता के आधार पर समाधान की सम्भावना अधिक हो तो ऐसे प्रकरणों को उक्त अभियान के अंतर्गत मध्यस्थता के माध्यम से सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण कराया जाना है। जिससे वादकारियों को त्वरित न्याय मिल सकेगा व उनके धन व समय की भी बचत होगी।
सचिव ने बताया, इस अभियान के अंतर्गत न्यायालय में लम्बित वैवाहिक विवाद मामले, मोटर दुर्घटना, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, लघु आपराधिक, उपभोक्ता विभाग, ऋण वसूली के प्रकरण, संपत्ति के बंटवारे से संबंधित मामले, भूमि अधिग्रहण के मामले वह अन्य उपयुक्त दीवानी प्रकरणों को शामिल किया गया है। मध्यस्थता का मुख्य उद्देश्य विवादों को आपसी सहमति से सुलझाना है, बिना अदालत जाये। मध्यस्थता का प्राथमिक लक्ष्य विवादों को आपसी सहमति से हल करना, दोनों पक्षों को एक-दूसरे की बात सुनने और समझने में मदद करना होता है।
मध्यस्थता की प्रक्रिया आमतौर पर गोपनीय होती है। जिसका मतलब है कि जो बातें मध्यस्थता में कही जाती है, वे सार्वजनिक नहीं होती है। मध्यस्थता अदालत की कार्यवाही की तुलना में कम खर्चीली होती है। सचिव द्वारा आमजन से एवं विधि व्यवसायियों से अपील है कि वे अपने-अपने प्रार्थना पत्र सम्बंधित न्यायालय में माह जुलाई के अंदर जमा कराकर इस अभियान का लाभ उठाकर अपने मामलों का निस्तारण मध्यस्थता के आधार पर करा सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र