जम्मू-कश्मीर कोऑपरेटिव सेंट्रल लैंड डेवलपमेंट लिमिटेड के पूर्व एमडी को जालसाजी करने के आरोप में मिली सजा - सीबीके

श्रीनगर, 4 नवंबर (हि.स.)। कश्मीर अपराध शाखा की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जम्मू-कश्मीर कोऑपरेटिव सेंट्रल लैंड डेवलपमेंट लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मोहम्मद शफी बंदे के खिलाफ अपनी जन्मतिथि में धोखाधड़ी करके उसे सरकारी सेवा का कार्यकाल बढ़ाने के आरोप में बड़ी सजा दिलवाई है।

एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार यह मामला एक शिकायत से उपजा है जिसमें आरोप लगाया गया था कि बंदे ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार करके अपनी जन्मतिथि में जालसाजी की थी और उसे अपने वास्तविक जन्म वर्ष 1934 के बजाय 01.09.1939 दर्ज किया था।

कश्मीर अपराध शाखा द्वारा शुरू की गई एक विस्तृत जाँच ने हेरफेर की पुष्टि की और पाया कि बंदे की वास्तविक जन्मतिथि 26.06.1932 थी। जाँचकर्ताओं ने पाया कि आरोपी ने अवैध रूप से सात साल से अधिक समय तक सेवा में बने रहे जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को गलत तरीके से वित्तीय लाभ और हानि हुई। जाँच के बाद श्रीनगर के सिटी जज की अदालत में एक आरोप पत्र दायर किया गया।

पूरी सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत दोषी पाया। बंदे को प्रत्येक मामले में दो साल के साधारण कारावास और प्रत्येक अपराध के लिए 5,000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई। अदालत ने निर्देश दिया कि सभी सजाएँ एक साथ चलेंगी।

आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस फैसले को लोक सेवा में भ्रष्टाचार और हेराफेरी के खिलाफ एक कड़ा संदेश बताया। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह दोषसिद्धि शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा देने के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। एजेंसी ने दोहराया कि वह ऐसे मामलों की पैरवी करने में दृढ़ है जो जनता के विश्वास को कम करते हैं और सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

   

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