91 की उम्र में पहली बार देखी सस्ती होती ज़िंदगी, शांता कुमार ने दी महंगाई में राहत को अरुण जेटली को श्रद्धांजलि

शिमला, 23 सितंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने बढ़ती महंगाई के बीच आम जनजीवन को मिल रही राहत को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए इसे एक वरदान करार दिया है। उन्होंने कहा, मैंने अपने 91 वर्षों के जीवन में ऐसा कोई समय नहीं देखा जब महंगाई थमी हो और वस्तुएं सस्ती हुई हों। यह जीवन का पहला ऐसा अवसर है जब ज़रूरी चीज़ें इतनी सस्ती हो गई हैं कि समाचारों पर विश्वास करना कठिन लगता है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि घी 40 रुपये सस्ता हुआ है, जो पहले कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

शांता कुमार ने मंगलवार को एक बयान में इस ऐतिहासिक परिवर्तन का श्रेय विशेष रूप से भारत के पूर्व वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को देते हुए कहा कि जीएसटी कानून लागू करने में उनकी भूमिका अत्यंत निर्णायक रही। उन्होंने बताया कि लोकसभा में अरुण जेटली जी के साथ बैठते हुए उन्होंने उन्हें निकट से जीएसटी पर अथक परिश्रम करते देखा।

उन्होंने याद करते हुए कहा, जब जेटली ने जीएसटी पर अपनी बात संसद में रखी तो हम सभी आश्चर्यचकित भी हुए और प्रसन्न भी। देश के सभी राज्यों और पार्टियों को एक मत करना आसान नहीं था। जेटली जी स्वयं राज्यों में जाकर बैठकें करते रहे और कई अवसरों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्यक्तिगत रूप से बातचीत की।

शांता कुमार ने कहा कि महंगाई सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बढ़ी है, परन्तु भारत पहला ऐसा देश है जहां आम आदमी की ज़रूरतों की वस्तुएं इतनी सस्ती हुई हैं। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी, परन्तु जोर देकर कहा कि इस बड़े वरदान का सबसे बड़ा श्रेय स्व. अरुण जेटली को ही है।

उन्होंने यह भी कहा कि, बढ़ती महंगाई के इस दौर में ज़रूरी वस्तुओं को सस्ता करना, कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने जितना ही कठिन कार्य था। लेकिन मोदी के संकल्प और अरुण जेटली की तपस्या ने इसे सफल बनाया। देश की जनता उन्हें कभी न भूले।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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