ठाणे मनोचिकित्सालय के वर्षों पूर्व वृक्षों पर कुल्हाड़ी,डॉ प्रशांत

Axe on trees years ago, dr Prashant

मुंबई,8 दिसंबर ( हि,. स.) । ठाणे शहर के प्रांतीय मनोचिकित्सालय अस्पताल के एरिया में सैकड़ों पुराने पेड़ों को काटने का खतरा एक बार फिर मंडरा रहा है, और एनवायरनमेंटलिस्ट डॉ. प्रशांत सिनकर ने इस गंभीर खतरे के बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अर्जेंट रिप्रेजेंटेशन दिया है। चूंकि यह एरिया ठाणे के बचे हुए कुछ ग्रीन बेल्ट में सबसे अहम है, इसलिए ठाणे के लोग इस कटाई का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

हालांकि बैंगलोर में निमहंस (NIMHANS) की तर्ज पर एक नया मॉडर्न साइकेट्रिक हॉस्पिटल बनाने का प्रोजेक्ट वेलकम है, लेकिन इसके लिए सैकड़ों पेड़ काटे जाने की जानकारी से लोगों में बहुत चिंता है। चूंकि शहर में अक्सर “कागज़ पर दस… असल में तीस” पेड़ काटे जाते रहे हैं, इसलिए लोगों का भरोसा कम हो गया है।

डॉ. सिनकर ने अपने रिप्रेजेंटेशन में साफ कहा है कि यह एरिया लंबा, बड़े और दशकों पुराने पेड़ ठाणे का टेम्परेचर कंट्रोल करते हैं, बायोडायवर्सिटी बनाए रखते हैं और शहर को नैचुरल सांस लेने की जगह देते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए, तो इकोलॉजिकल बैलेंस बिगड़ जाएगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री से चार बड़ी मांगें की हैं—

1. पेड़ों को काटने के प्रपोज़ल पर एक इंडिपेंडेंट, ट्रांसपेरेंट और एक्सपर्ट कमिटी से दोबारा विचार किया जाना चाहिए।

2. जिन पेड़ों को दूसरी जगह लगाया जा सकता है, उन्हें साइंटिफिक तरीके से तुरंत बचाया जाना चाहिए।

3. नए कंस्ट्रक्शन प्लान में इस तरह बदलाव किया जाना चाहिए जिससे पेड़ों को कम से कम नुकसान हो।

4. काटे जाने वाले हर पेड़ की जानकारी समेत पूरी प्रोसेस नागरिकों के लिए खुली होनी चाहिए।

“ये पेड़ सिर्फ़ हरियाली नहीं हैं… ये ठाणे की सांस हैं, ठाणे की पहचान हैं। डेवलपमेंट ज़रूरी है; लेकिन तबाही की कीमत पर नहीं।” अब पूरे शहर का ध्यान इस बात पर है कि क्या मुख्यमंत्री इस बात पर ध्यान देंगे, और सैकड़ों पेड़ों का भविष्य क्या होगा।

पर्यावरणविद डॉ प्रशांत इन पेड़ों ने सालों तक ठाणे को ठंडी छांव, साफ हवा और जान दी है। आज उन्हीं पेड़ों को बचाने के लिए खड़ा होना हमारे शहर की ज़िम्मेदारी है। अगर पेड़ बचेंगे, तो कल ठाणे भी बचेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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