मात्र सात बूथों में नहीं मिला एक भी मृत या स्थानांतरित मतदाता, 2208 से आंकड़ा अचानक आया नीचे
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- Dec 04, 2025
कोलकाता, 04 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान ऐसे बूथों की संख्या में एक और भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिनमें पिछले एक वर्ष में एक भी मृत या स्थानांतरित वोटर नहीं पाया गया था। नई समीक्षा के बाद यह आंकड़ा अब केवल सात पर आ गया है। सोमवार को शुरुआत में जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि राज्य के 2208 बूथों में न तो कोई मतदाता मरा है और न ही कोई अन्य जगह स्थानांतरित हुआ है। इस पर सवाल खड़े हुए थे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि राज्य में 2208 ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां 2002 में हुए आखिरी एसआईआर से लेकर 2025 के बीच एक भी मतदाता नहीं मरा, अथवा स्थानांतरित नहीं हुआ या डुप्लीकेट एंट्री नहीं मिली। इसके बाद नए सिरे से चुनाव आयोग ने जांच शुरू करवाई।
निर्वाचन आयोग द्वारा रिपोर्ट मांगने के बाद आंकड़े लगातार बदलते गए। बुधवार को सुबह बताया गया था कि ऐसे 480 बूथ हैं, शाम को ऐसे भूतों की संख्या घटकर 29 बताई गई और लेकिन गुरुवार को जारी नए आंकड़ों में यह संख्या घटकर सिर्फ सात रह गई।
नवीनतम जानकारी के अनुसार ऐसे बूथ जलपाईगुड़ी में एक, मालदा में दो, दक्षिण 24 परगना में एक, हावड़ा में एक, पश्चिम मेदिनीपुर में एक और पुरुलिया में एक पाए गए हैं। इन सभी बूथों पर जितने एन्यूमरेशन फॉर्म बांटे गए थे, सभी भरे हुए वापस जमा कर दिए गए हैं। किसी भी वोटर के मृत, स्थानांतरित, लापता या दोहरे नाम का मामला नहीं मिला है।
शुरुआती आंकड़ों में दक्षिण 24 परगना सबसे ऊपर था, जहां 760 बूथों को मृत या स्थानांतरित वोटर–रहित बताया गया था। लेकिन डीईओ से स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद यह आंकड़ा अब सिर्फ एक पर सिमट गया है।
राज्य में चार नवंबर से एन्यूमरेशन फॉर्म बांटे जा रहे हैं और इन्हें जमा करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) फॉर्म की जानकारी आयोग के पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं। आयोग ने पूरी प्रक्रिया की समयसीमा बढ़ा दी है। फॉर्म अपलोड करने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर है और 16 दिसंबर को मसौदा सूची जारी की जाएगी। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



