मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 2 जनवरी से 3 दिवसीय ‘दिल्ली शब्दोत्सव’ का आयोजन

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली सचिवालय में दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीन दिवसीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव “दिल्ली शब्दोत्सव 2026” की आधिकारिक घोषणा की। यह महोत्सव 2, 3 और 4 जनवरी 2026 को मेजर ध्यानचंद स्टेडियम नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। आयोजन प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक चलेगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक राजकुमार भाटिया, राजीव तुली (सुरुचि प्रकाशन) तथा वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी उपस्थित रहे। इस अवसर पर बताया गया कि दिल्ली सरकार पहली बार इस स्तर पर साहित्य, संस्कृति और विचार को एक साझा मंच पर लाकर एक व्यापक और समावेशी आयोजन कर रही है।

महोत्सव का उद्घाटन समारोह 2 जनवरी को अपराह्न 2 बजे से 3:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।

इस अवसर पर कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली शब्दोत्सव 2026 केवल एक आयोजन नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक, साहित्यिक और वैचारिक चेतना का उत्सव है। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में देशभर से 100 से अधिक प्रतिष्ठित वक्ता भाग लेंगे। आयोजन स्थल मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में तीन दिनों के भीतर 40 से अधिक पुस्तकों का विमोचन, 6 भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा 2 बड़े कवि सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली एवं एनसीआर की 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के छात्र इस उत्सव में सक्रिय सहभागिता करेंगे।

कपिल मिश्रा ने आगे बताया कि इस आयोजन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा जी भी शामिल होंगे। महोत्सव में देश के प्रमुख विचारक, लेखक और वक्ता उपस्थित रहेंगे, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सुनील आंबेकर, मनमोहन वैद्य, डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल राकेश भदौरिया, मुकुल कनेटकर, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, माधवी लता, विक्रमजीत बनर्जी, विष्णु शंकर जैन सहित अनेक प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। तीनों दिन सायंकाल हर्षदीप कौर, हंसराज रघुवंशी एवं प्रहलाद सिंह टिपनिया की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी। भरतनाट्यम, कथक, भजन संध्या, कवि सम्मेलन, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन जैसे कार्यक्रम भी होंगे।

महोत्सव के प्रचार-प्रसार एवं छात्र सहभागिता को सशक्त बनाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में ‘डीयू एंबेसडर कार्यक्रम’ प्रारंभ किया गया है। इसके अंतर्गत चयनित छात्र एंबेसडर के रूप में कार्य करते हुए अपने-अपने परिसरों में दिल्ली शब्दोत्सव से जुड़ी जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाएंगे और उन्हें इस आयोजन में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे।

महोत्सव में प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क रहेगा। आम जनता की सुविधा के लिए पूर्व पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, जिसके लिए दिल्ली शब्दोत्सव की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कराया जा सकता है। आयोजन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सामाजिक माध्यमों, डीयू एंबेसडर कार्यक्रम तथा जनसंपर्क अभियानों के माध्यम से जानकारी आम जनता तक पहुंचाई जा रही है।

दिल्ली सरकार की योजना है कि दिल्ली शब्दोत्सव को एक स्थायी सांस्कृतिक पहचान के रूप में विकसित किया जाए और इसे प्रतिवर्ष और भी व्यापक स्वरूप में आयोजित किया जाए, ताकि भविष्य में यह मंच राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सांस्कृतिक विरासत को सशक्त रूप से प्रस्तुत कर सके।

राजकुमार भाटिया ने बताया कि यह आयोजन केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि जन-संवाद और जन-भागीदारी का उत्सव है। इसमें बच्चों, युवाओं, महिलाओं और परिवारों सभी के लिए संवाद, विमर्श और सांस्कृतिक गतिविधियां होंगी।

राजीव तुली ने जानकारी दी कि दिल्ली शब्दोत्सव देश के सबसे बड़े साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजनों में से एक बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि घोषित नाम केवल एक झलक हैं और यह उत्सव भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति और वैचारिक विरासत को समझने का एक विराट मंच सिद्ध होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव