गिव अप अभियान के तहत 48 लाख अपात्रों ने स्वेच्छा से हटवाया एनएफएसए से अपना नाम, 70.25 लाख पात्रों को मिली खाद्य सुरक्षा
- Admin Admin
- Nov 28, 2025
जयपुर, 28 नवंबर(हि.स.)। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा गिव अप अभियान के तहत लगातार अपात्रों को अपनी खाद्य सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि गरीबों को उनके हक का अनाज मिल सके।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि गत वर्ष 1 नवंबर को शुरू हुए गिव अप अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 48 लाख संपन्न लोगों ने स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाया है। खाद्य सुरक्षा सूची में इससे बनी रिक्तियों के कारण खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग लगातार वास्तविक हकदारों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ पा रहा है। उन्होंने कहा कि संपन्न लोगों को अधिक से अधिक संख्या में अपनी खाद्य सब्सिडी का त्याग करना चाहिए ताकि असल वंचितों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर को गिव अप अभियान की अवधि समाप्त होने के उपरांत स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा नहीं त्यागने वाले अपात्रों के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक एवं वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सभी जिला रसद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं!
26 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री के कर कमलों से खाद्य सुरक्षा पोर्टल पुन: प्रारंभ किए जाने के बाद गिव अप अभियान के कारण एवं ई केवाईसी नहीं करवाने से एनएफएसए में बनी रिक्तियों से आज दिनांक तक 70 लाख 25 हजार से अधिक वंचित पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। गोदारा ने बताया कि राज्य सरकार के इस कदम से खाद्य सुरक्षा का लाभ वास्तविक वंचितों को मिल रहा है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ऐसे परिवार, जिनका कोई भी एक सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी/अधिकारी हो अथवा एक लाख रूपये वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करता है, जिस परिवार का कोई भी एक सदस्य आयकरदाता हो तथा ऐसे परिवार जिनके किसी भी एक सदस्य के पास चारपहिया वाहन हो (ट्रेक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर), खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अपात्र होंगे। साथ ही विभाग सालाना 50 हज़ार से अधिक बिजली का बिल जमा कराने वाले, घरों मे एयर कंडीशनर का उपयोग करने वाले एवं एमएसपी दर पर सरकार को सौ क्विंटल से अधिक फसल विक्रय करने वाले एनएफएसए लाभार्थियों की पात्रता की भी जांच करेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्ष में सौ क्विंटल से अधिक फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचने वाले व्यक्ति का एनएफएसए के तहत 5 किलो अनाज निशुल्क प्राप्त करना विरोधाभासी है। एनएफएसए नियमों के तहत ऐसे लाभार्थियों की पात्रता का परीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वास्तविक जरूरतमंद को ही निशुल्क राशन मिले।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर



