अभाविप काशी प्रांत का 65वां प्रांतीय अधिवेशन सम्पन्न, चार प्रस्ताव पारित, नई कार्यकारिणी घोषित

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रही अभाविप सम्मेलन  संपन्न वंदे मातरम गीत गाते हुए उपस्थित लोगपूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रहे अभाविप सम्मेलन के समापन अवसर पर छात्र छात्राएं को संबोधित करते हुए  प्रांत संगठन मंत्री काशी प्रांत अभिलाष जी

जौनपुर, 31 दिसम्बर (हि.स.)। यूपी के जौनपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), काशी प्रांत का 65वां प्रांतीय अधिवेशन जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में बुधवार को सम्पन्न हुआ। यह तीन दिवसीय अधिवेशन ‘रानी अब्बक्का नगर’ नामक अस्थायी परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें संगठनात्मक, शैक्षिक एवं राष्ट्रहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत मंथन हुआ।

अधिवेशन के अंतिम दिन चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। इनमें केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में रिक्त सीटें एवं देर तक चलती प्रवेश प्रक्रिया चिंतनीय, वंदे मातरम् के 150 वर्ष: राष्ट्र चेतना का अमर घोष, स्क्रीन टाइम से ग्रीन टाइम की ओर: एक संतुलित जीवन की पहल तथा सीमांत से सशक्तिकरण तक: सोनभद्र के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना शामिल है। अभाविप काशी प्रांत ने आगामी सत्र में इन प्रस्तावों पर प्रमुखता से कार्य करने का निर्णय लिया है।

अधिवेशन के समापन अवसर पर नवनिर्वाचित काशी प्रांत अध्यक्ष डॉ. महेंद्र त्रिपाठी ने नवीन प्रांतीय कार्यकारिणी की घोषणा की। इसके तहत सुल्तानपुर के संतोष सिंह अंश, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राम शंकर उरांव, प्रयाग महानगर की आभा त्रिपाठी तथा गाजीपुर के रवि शेखर सिंह को प्रांत उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं कौशाम्बी के शिवबाबू चौधरी, प्रयाग महानगर की निवेदिता मिश्रा, भदोही के अमन सिंह और वाराणसी महानगर के त्रिकांत सिंह जाटव को प्रांत सह-मंत्री नियुक्त किया गया।

नवीन एवं पूर्व कार्यकारिणी को सम्बोधित करते हुए अभाविप, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद की विशिष्ट एवं सुदृढ़ कार्यपद्धति के कारण ही संगठन ने 77 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी की है। उन्होंने कहा कि अभाविप एक चलायमान और परिवर्तनशील संगठन है, जिसमें कार्यकर्ता अपने विद्यार्थी जीवन तक सक्रिय भूमिका निभाता है। संगठन की कार्यपद्धति के अनुरूप कार्य करने से कार्यकर्ता का व्यक्तित्व निखरता है और उसमें ‘राष्ट्र प्रथम’ का भाव विकसित होता है। इसी कारण अभाविप आज विश्व का सबसे बड़ा और सशक्त छात्र संगठन बनकर उभरा है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव