अभाविप के अधिवेशन स्थल पर पहुंची 'भगवान बिरसा संदेश यात्रा'

अभाविप का भगवान बिरसा संदेश यात्रा अधवेशन स्थल देहरादून में।

देहरादून, 27 नवंबर (हि.स.)। बिरसा मुंडा की जन्मस्थली झारखंड के उलिहातु से चली 'भगवान बिरसा संदेश यात्रा' आज देहरादून में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर पहुंची। इस यात्रा का यहां पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। यह संदेश यात्रा युवाओं और संपूर्ण समाज को जल, जंगल और जमीन, आत्मसम्मान, सामाजिक एकता एवं राष्ट्रहित के प्रति समर्पण की प्रेरणा देगी।

इस मौके पर अभाविप उत्तराखंड के प्रदेश मंत्री ऋषभ रावत ने कहा कि यह यात्रा झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अनेक जिलों से होती हुई देहरादून पहुंची। भगवान बिरसा संदेश यात्रा का मुख्य उद्देश्य यही है कि युवा पीढ़ी को बिरसा मुंडा जी के संघर्ष और उनके योगदान से अवगत कराया जा सके। किस प्रकार एक युवक, जिसकी आयु मात्र 25 वर्ष रही ने अपने शौर्य और पराक्रम के दम पर ब्रिटिश सरकार की नींव हिला दी और जनजातीय समाज के उत्थान के लिए युवावस्था में ही क्रांतिकारी कार्य किए गए हैं। यह बताना इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है। इस यात्रा के माध्यम से देश के वर्तमान नागरिकों को बिरसा मुंडा की संपूर्ण जीवन-यात्रा से परिचित कराना ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का लक्ष्य है। इस यात्रा में शामिल रथ को अधिवेशन स्थल 'भगवान बिरसा मुंडा नगर' में लोगोें को आकर्षित करेगा।

उल्लेखनीय है कि ‘भगवान बिरसा संदेश यात्रा’ बिरसा मुंडा की जन्मस्थली झारखंड के उलिहातु से 15 नवंबर को चली थी। इस दौरान यह यात्राखूंटी, चक्रधरपुर, चाइबासा, सरायकेला, रांची, जमशेदपुर, गुमला, लोहारगड़ा, लातेहार, मोदिनीनगर, गढ़वा, दुद्धीनगर, रॉबर्ट्सगंज, वाराणसी, जौनपुर, कुशभवनपुर, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मुरादाबादऔर सहारनपुर होते हुए आज शाम देहरादून पहुंची है। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से आने वाले प्रतिनिधियों को बिरसा मुंडा के संघर्ष, जनजातीय समाज के प्रति उनके योगदान, उनकी वीरगाथा तथा झारखंड की सभ्यता और संस्कृति को निकट से जानने-समझने का अवसर मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार