एआई से शिक्षा में नवाचार, आईआरएडी से यातायात सुधार

जोधपुर, 23 दिसम्बर (हि.स.)। भारत सरकार के निर्देशानुसार सुशासन सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को अटल सेवा केंद्र में प्रशासन गांव की ओर कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला राज्य सरकार के सफल दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई, जो दो साल: नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान की भावना को साकार करती है।

कार्यशाला की अध्यक्षता पूर्व आईएएस रतन लाहोटी ने की, जबकि उपखण्ड अधिकारी (उत्तर) प्रीतम कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जिले के समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों द्वारा जिले में सुशासन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

कार्यशाला के दौरान पीपीटी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल के निर्देशन में जोधपुर जिले में लागू किए गए प्रमुख नवाचारों की जानकारी दी गई तथा इन पर विस्तृत चर्चा की गई। इनमें विशेष रूप से एआई आधारित दक्षता आकलन प्रणाली एवं एनआईसी-आईआरएडी प्लेटफॉर्म को प्रभावी सुशासन के उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया।

शिक्षा में नवाचार की मिसाल

जोधपुर जिला प्रशासन द्वारा शहर के 54 महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक चार विषयों के लिए एआई आधारित दक्षता आकलन का पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है। इस पहल के अंतर्गत 100 प्रतिशत एआई ग्रेडिंग के माध्यम से स्वचालित मूल्यांकन किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों पर प्रशासनिक भार कम हुआ है तथा विद्यार्थियों को स्टूडेंट रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से दक्षता आधारित फीडबैक प्राप्त हो रहा है। इसके साथ ही प्रधानाचार्यों के लिए विद्यालय-स्तरीय रिपोर्ट कार्ड, शिक्षकों का प्रशिक्षण, तथा विद्यालय प्रबंधन समितियों एवं अभिभावकों को अधिगम परिणामों से जोडऩे की व्यवस्था की गई है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पारदर्शिता, जवाबदेही एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

सडक़ सुरक्षा में प्रभावी पहल

कार्यशाला में एनआईसी-आईआरएडी के माध्यम से जिले में सडक़ सुरक्षा को लेकर किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी गई। आईआरएडी प्लेटफॉर्म के जरिए सडक़ दुर्घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण कर ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, त्वरित डेटा साझा करना तथा संबंधित विभागों के समन्वय से सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप जिले में यातायात व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ सडक़ दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जो सुशासन एवं जनसुरक्षा के प्रति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यशाला के अंत में विभागीय अधिकारियों से सुशासन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश