वर्ष के अंत में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मिलेंगे अभिषेक, 31 दिसंबर को होगी मुलाकात

कोलकाता, 27 दिसंबर (हि.स.)।

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वह वर्ष के अंत में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात 31 दिसंबर को होगी। शनिवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अभिषेक ने यह जानकारी दी।

पत्रकार वार्ता में अभिषेक बनर्जी ने विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग एक संस्था की तरह नहीं, बल्कि व्हाट्सएप के जरिए काम करने वाला आयोग बन गया है। अभिषेक ने कहा कि लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी नाम की सूची बिना किसी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के व्हाट्सएप पर भेजी गई। उनके अनुसार, यह गंभीर सवाल है कि एक ही दिन में कैसे ड्राफ्ट मतदाता सूची और लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी की रिपोर्ट तैयार हो गई।

अभिषेक ने यह भी सवाल उठाया कि यदि चुनाव आयोग वास्तव में मतदाता सूची को शुद्ध करना चाहता है, तो फिर नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आयोग के पास इस संबंध में कोई पारदर्शी जवाब नहीं है।

एसआईआर की समय सीमा को लेकर भी अभिषेक बनर्जी ने भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिन अन्य राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया चल रही है, वहां समय सीमा बढ़ाई गई, लेकिन पश्चिम बंगाल के मामले में ऐसा क्यों नहीं किया गया। उन्होंने इसे राज्य के साथ जानबूझकर किया गया अन्याय बताया।

अन्य राज्यों के आंकड़ों का हवाला देते हुए अभिषेक ने कहा कि तमिलनाडु, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में मतदाता सूची से नाम हटाए गए, फिर भी वहां स्थिति को अलग नजरिए से देखा गया। उन्होंने सवाल उठाया कि केवल पश्चिम बंगाल को ही कठोर तरीके से क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी केवल योजनाओं का पैसा रोकने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब लोगों के मौलिक अधिकारों पर भी हमला कर रही हैं। उन्होंने कहा कि देश को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया गया है, जहां सरकार यह तय करना चाहती है कि कौन वोट देगा और कौन नहीं।

एसआईआर प्रक्रिया को लेकर अभिषेक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इसे जबरन दो से तीन महीनों में लागू किया गया, जिसके दुष्परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर और एनआरसी के डर से 51 लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिनमें से 45 लोगों की मौत हो चुकी है और छह का इलाज चल रहा है। इसके अलावा कई बीएलओ ने भी आत्महत्या का प्रयास किया।

राजनीतिक कार्यक्रमों को लेकर अभिषेक ने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह नए साल के पहले सप्ताह से ही जिलों का दौरा शुरू करेंगे। यह दौरा उत्तर बंगाल से शुरू होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ‘उन्नयन की पांचाली’ नामक प्रचार सामग्री 31 दिसंबर तक सभी जगह पहुंचा दी जाएगी और नए साल के पहले दिन से इसका प्रचार शुरू होगा। यह अभियान 15 फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर