दुमका, 27 नवंबर (हि.स.)। हत्या के अभियुक्त दुर्गा टुडूको अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश सिंह के न्यायालय ने दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने मामले में 9 गवाहों की गवाही पर अभियुक्त को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना किया।
मामले की जानकारी देते हुए सहायक लोक अभियोजन भवेंद्र सोरेन ने बताया कि 9 गवाहों की गवाही पर अभियुक्त को न्यायालय ने दोषी करार दिया। जानकारी के अनुसार मामले में घटना के तीन माह बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव को कब्र से निकाल पोस्टमार्टम सहित अन्य कानूनी प्रक्रिया हुई थी।
उल्लेखनीय है कि घर जमाई होने और जमीन विवाद में पायो हेम्ब्रम की हत्या हुई थी। घटना के दिन 12 मार्च 2022 को पायो हेम्ब्रम जलावन के लिए कुल्हाड़ी से लकड़ी फाड़ रहा था। तभी अभियुक्त दुर्गा टुडू मौके पर पहुंचा और पायो हेम्ब्रम से कहा कि लाओ लकड़ी हम फाड़ देते हैं। पायो हेम्ब्रम ने सोंचा की अभियुक्त दुर्गा टुडू मदद करने के उद्देश्य से आया है। उसने दुर्गा टुडू को कुल्हाड़ी दे दिया। लेकिन अभियुक्त दुर्गा टुडू ने कुल्हाड़ी से पायो हेम्ब्रम पर वार कर दिया। जिससे पायो हेम्ब्रम के गर्दन में गंभीर चोट आयी और उसकी मौत हो गई।
घटना की सूचना पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में काम करने गए पुत्र शनिलाल हेम्ब्रम को दी गई। सूचना पाकर मृतक का पुत्र शनिलाल हेम्ब्रम गांव पहुंचा, लेकिन लोग हादसा मान शव को दफनाने की तैयारी में जुटे थे। पुत्र शनिलाल भी अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। लेकिन कुछ दिनों बाद प्रत्यक्षदर्शी ने शनिलाल को पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद शनिलाल आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाना गया, पुलिस ने उसकी बात मानने और प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर दिया। बाद में मामला प्रकाश में आने के बाद तीन माह बाद 22 जून 2022 को मामला दर्ज करते हुए मजिस्ट्रेट की तैनाती कर कब्र से शव को निकाला पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद न्यायालय में लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने अभियुक्त दुर्गा टुडू को मामले में सजा मिल सकी।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार



