दुर्गा आंगन परियोजना को लेकर भाजपा का ममता बनर्जी पर हमला, तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप

कोलकाता, 29 दिसंबर (हि.स.)।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा न्यू टाउन में दुर्गा आंगन परियोजना के उद्घाटन से पहले सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला है और इसे तुष्टीकरण की राजनीति का एक और उदाहरण बताया है।

भारतीय जनता पार्टी के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने सोमवार को सोशल मीडिया के जरिए बयान जारी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि साल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी से जुड़े कार्यक्रम में अव्यवस्था के बाद अब मुख्यमंत्री देवी दुर्गा की छवि को भी नुकसान पहुंचाने पर तुली हैं।

अमित मालवीय ने कहा कि दुर्गा आंगन परियोजना तुष्टीकरण और दिखावे से भरी हुई है, जो ममता बनर्जी की राजनीति की पहचान बन चुकी है। उनका आरोप है कि यह परियोजना बंगाली हिंदुओं की आस्था और विश्वास का मजाक उड़ाती है और भक्ति को केवल वोट बैंक प्रबंधन का जरिया बना दिया गया है।

भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि न्यू टाउन में पहले जिस स्थान पर दुर्गा आंगन बनाया जाना था, वहां कुछ मुस्लिम निवासियों ने विरोध किया था। उनका कहना है कि विरोध करने वालों का दावा था कि वह जमीन मुस्लिमों से अधिग्रहित की गई थी और उसकी पहचान मुस्लिम जमीन के रूप में है। इस विरोध के बाद मुख्यमंत्री घबरा गईं और पहले से दिए गए ठेकों के बावजूद जमीन समतलीकरण का काम अचानक रोक दिया गया।

मालवीय के अनुसार, अब तक इस परियोजना पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता। बाद में जल्दबाजी में एक नया स्थान चुना गया, जो पहले औद्योगिक इकाइयों के लिए निर्धारित था। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां कभी उद्योग नहीं आया, इसलिए उस जमीन पर कब्जा कर लिया गया और न तो भूमि उपयोग में बदलाव किया गया और न ही मास्टर प्लान में संशोधन हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि एक खास वोट बैंक को खुश रखने के लिए आखिरी समय में दुर्गा आंगन के स्थान को बदला गया, जबकि शिलान्यास समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। पहले घोषणा के अनुसार, दुर्गा आंगन न्यू टाउन में विश्व बांग्ला सरणी पर स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर बनाया जाना था, जो वेस्टिन होटल के सामने और ईको पार्क के पास है। वहां पिछले दो महीनों से तैयारियां चल रही थीं और करीब चार करोड़ रुपये का मिट्टी भराई का काम भी पूरा हो चुका था।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि घबराहट में लिया गया यह फैसला, तुष्टीकरण के आगे योजना को दरकिनार करना और राजनीतिक सुविधा के लिए करोड़ों रुपये के सार्वजनिक धन की बर्बादी, आस्था, पारदर्शिता और जनता के भरोसे की कीमत पर की गई है।

इस पूरे मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस या राज्य सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर